नाभा जेल ब्रेक के मास्टरमाइंड को छुड़ाने वाला गांधी परिवार का करीबी
पंजाब में नाभा जेल ब्रेक मामले में वांछित कुख्यात गैंगस्टर गोपी घनशामपुरा को छुड़ाने में मदद करने के आरोप में पक़़डे गए कांग्रेस नेता संदीप तिवारी।
नई दिल्ली, ब्यूरो। पंजाब में नाभा जेल ब्रेक मामले में वांछित कुख्यात गैंगस्टर गोपी घनशामपुरा को छुड़ाने में मदद करने के आरोप में पक़़डे गए उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर के कांग्रेस नेता संदीप तिवारी उर्फ पिंटू तिवारी के तार दूर तक जा रहे हैं। गोपी को छुड़ाए जाने में उत्तर प्रदेश के एक आईपीएस अफसर की भूमिका के आरोप को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में बुधवार को एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार की अगुआई में एक जांच समिति बना दी गई है। डीजीपी सुलखान सिंह ने निष्पक्ष जांच की हिदायत दी है।
कांग्रेसी नेता संदीप तिवारी उर्फ पिंटू के साथ संबंधों को लेकर कई कांग्रेसी दिग्गज यूपी एटीएस और पंजाब पुलिस की निगरानी के दायरे में आ गए हैं। इसमें अव्वल नाम दस जनपथ के खासमखास किशोरी लाल का भी है।
पिंटू तिवारी किशोरी लाल ही नहीं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और कैप्टन सतीश शर्मा का भी बेहद करीबी माना जाता रहा है। इन नेताओं के अलावा उसके प्रोफाइल में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और चंद्रशेखर के साथ भी फोटो हैं। पिंटू के चुनाव प्रचार के लिए प्रियंका वाड्रा ने सुलतानपुर की स़़डकों पर रोड शो भी किया था। अब एटीएस इन संबंधों की गहराई माप रही है। बुधवार को एटीएस की टीम ने संदीप के पैतृक गांव सराय गोकुल नंदापुर जाकर छानबीन की। कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारी के साथ संदीप ने गोपी घनशामपुरा को छु़़डाने के लिए डील स्थानीय होटल में ही की थी। संबंधित अधिकारी हाल ही में एक कार्यक्रम में सुलतानपुर आए भी थे।
पिंटू के कृत्यों से लेना-देना नहीं
कांग्रेस नेता व गांधी परिवार के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा का कहना है कि पिंटू तिवारी से उनके संबंध रहे हैं लेकिन उसके किसी गैर कानूनी कृत्यों से वास्ता नहीं है। उन्होंने स्वीकार किया कि फोन पर पिंटू तिवारी से बात होती होगी, रिकॉर्ड भी होगा लेकिन किसी गैर कानूनी कार्य से लेना-देना नहीं है। अभी तक एटीएस ने उनसे कोई पूछताछ नहीं की है।
यह है मामला
पंजाब में नाभा जेल ब्रेक मामले में वांछित गोपी घनशामपुरा को पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद गोपी को छुड़ाने के लिए गैंगस्टर्स का पंजाब नेटवर्क हरकत में आ गया। डील होने पर पता चला कि उत्तर प्रदेश एसटीएफ के एक अधिकारी ने उसे छो़़डने के लिए एक करो़़ड रपए की मांग की है। पैसों का बंदोबस्त करने के लिए अमृतसर जेल में बंद बलजिदर सिंह उर्फ ढोनी को जिम्मा सौंपा गया था। ढोनी ने जेल से ही पैसों का बंदोबस्त करने के लिए शराब कारोबारी रिपल से बात की। इसकी भनक खुफिया एजेंसी को लग गई। एजेंसी ने यह जानकारी पंजाब पुलिस की खुफिया शाखा को दी। इस पर स्पेशल सेल ने रिपल और गुरप्रीत को अमृतसर से गिरफ्तार कर लिया था। दोनों से पूछताछ के बाद मिले इनपुट के आधार पर स्पेशल सेल ने यूपी से १६ सितंबर को हरजिंदर सिंह काहलों और अमनदीप को पक़़डा था। इसके बाद इसी मामले में डील करवाने की भूमिका निभाने के आरोपी कांग्रेस नेता पिंटू तिवारी को भी गिरफ्तार किया गया था।
आईजी एसटीएफ ने दी सफाई
पूरे प्रकरण में लखनऊ में बुधवार को ब़़डा मो़ड तब आया, जब आईजी एसटीएफ अमिताभ यश एनेक्सी पहुंचे और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इसके बाद आईजी एसटीएफ ने प्रेस नोट जारी कर इस प्रकरण से उनका व यूपी एसटीएफ का कोई सरोकार न होने की बात कही।