फर्जी आइडी पर 600 लोग मिले थे संकल्प से
प्रसिद्ध गीतकार संतोष आनंद के पुत्र संकल्प आनंद और उनकी पत्नी नंदिनी की आत्महत्या प्रकरण में नया खुलासा हुआ है। गृह मंत्रालय के संस्थान के लेक्चरर संकल्प आनंद से पिछले तीन माह में संस्थान के अंदर 600 लोगों ने मुलाकात की थी। मगर सब के सब फर्जी आइडी से मुलाकात करने पहुंचे।
मथुरा। प्रसिद्ध गीतकार संतोष आनंद के पुत्र संकल्प आनंद और उनकी पत्नी नंदिनी की आत्महत्या प्रकरण में नया खुलासा हुआ है। गृह मंत्रालय के संस्थान के लेक्चरर संकल्प आनंद से पिछले तीन माह में संस्थान के अंदर 600 लोगों ने मुलाकात की थी। मगर सब के सब फर्जी आइडी से मुलाकात करने पहुंचे। विजिटर रजिस्टर के सत्यापन के बाद यह संभावना है कि संकल्प के सुसाइड नोट में जिस घोटाले का जिक्र है, वह बहुत बड़े दायरे में फैला है। मथुरा पुलिस ने संस्थान से मिले संकल्प की हैंडराइटिंग के नमूनों को सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग से मिलान के लिए एक्सपर्ट के पास जांच के लिए भेज दिया है।
दिल्ली स्थित लोक नायक जय प्रकाश नारायण इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फोरेंसिक साइंस के लेक्चरर संकल्प आनंद और उनकी पत्नी नरेश नंदिनी ने कोसीकलां में रेलवे ट्रैक पर ट्रेन के सामने आकर आत्महत्या कर ली थी। कार में छोड़े दस पन्ने के सुसाइड नोट में संकल्प आनंद ने 250 करोड़ के घोटाले का हवाला देते हुए मौत के लिए 38 लोगों जिम्मेवार ठहराया था। उनके पिता संतोष आनंद की तहरीर पर मथुरा के कोसीकलां थाना में प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (आवास) कमलेंद्र प्रसाद समेत 38 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। दिल्ली स्थित संस्थान से संकल्प की हैंडराइटिंग के नमूने लेने गई मथुरा पुलिस को एक और अहम जानकारी मिली है। इसके मुताबिक, संस्थान में लेक्चरर संकल्प आनंद से पिछले तीन महीनों के दौरान करीब 600 लोगों ने मुलाकात की थी। इस हादसे के बाद विभागीय जांच के दौरान विजिटर रजिस्टर में उल्लिखित नाम-पतों की जांच कराई गई तो सभी फर्जी निकले। माना जा रहा है कि संस्थान में चल रहे फर्जीवाड़े के रैकेट के पीछे आरोपी 38 लोगों के अलावा और भी चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।
एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि संस्थान से मंगाए हस्ताक्षर नमूनों को सुसाइड नोट पर किए गए हस्ताक्षरों का मिलान करने के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही पुलिस अपनी जांच को आगे बढ़ाएगी।
संस्थान ने भी शुरू की जांच
सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर संस्थान के डायरेक्टर ने भी अपनी विभागीय जांच प्रारंभ कर दी है। जांच अधिकारियों ने पुलिस से एफआइआर की प्रति और सुसाइड नोट मांगे हैं। एसएसपी ने बताया कि जांच का दायरा कई राज्यों में फैला हुआ है। इसका अवलोकन करके रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी जा रही है।
सीबीआइ जांच की उम्मीद बढ़ी
मथुरा पुलिस के मुताबिक जांच के दायरे में कई राज्यों के अधिकारी आ रहे हैं। ऐसे में पुलिस के लिए जांच करना मुश्किल हो रहा है। पुलिस की ओर से स्वतंत्र एजेंसियों से जांच कराए जाने के लिए पहले ही पुलिस मुख्यालय को पत्र भेजा जा चुका है। हालांकि अभी तक उस पत्र के संबंध में पुलिस मुख्यालय से कोई निर्देश उनको प्राप्त नहीं हुए हैं। मगर संभावना है कि जांच सीबीआइ के सुपुर्द की जा सकती है।
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