'फारुक अब्दुल्ला ने सच कहा है, मौजूदा हालात के लिए जिम्मेदार है दिल्ली'
मुस्तफा कमाल ने कहा, ‘अशांति और पथराव का कारणों का पता लगाएं इसपर कार्रवाई करें और यह बंद हो जाएगा लेकिन दुख है कि केंद्र इसमें रुचि नहीं ले रही है।‘
श्रीनगर (राज्य ब्यूरो)। नेशनल कांफ्रेंस के नेता मुस्तफा कमाल ने पार्टी अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला का बचाव करते हुए शनिवार को कहा कि उन्होंने कश्मीर की वर्तमान दशा को व्यक्त कर केंद्र से ध्यान देने का आग्रह किया है।
नेशनल कांफ्रेंस के अतिरिक्त महासचिव डा. मुस्तफा कमाल ने अपने बड़े भाई और पार्टी अध्यक्ष डा. फारुक अब्दुल्ला को सही ठहराते हुए कहा कि डा. साहब ने वही कहा है जो कश्मीर में हो रहा है। उन्होंने सच बोला है। कश्मीर में जो पत्थरबाजी हो रही है, लड़के बंदूक उठा रहे हैं, उन कारणों की पूरी जांच होनी चाहिए। कश्मीर के हालात के लिए नई दिल्ली ही जिम्मेदार है।
दैनिक जागरण के साथ जम्मू से फोन पर बातचीत में डा. मुस्तफा कमाल ने कहा कि डा. फारुक अब्दुल्ला ने सच बोला है और यह सच सभी को मालूम है। अगर हालात ठीक करने हैं तो कश्मीर मसला हल करना होगा। कश्मीरियों के साथ जो वादे किए गए थे, उन्हें पूरा करना होगा। कश्मीर में मानवाधिकारों का हनन रोकना होगा, कश्मीरियों को उनके अधिकार देने ही होंगे।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कश्मीर में अफस्पा जैसे काले कानून हटाने होंगे। कश्मीरियों को स्वायत्ता और खुद मुख्तारी देनी होगी। कश्मीरियों को अब और नहीं दबाया जा सकता। कश्मीर में नौजवानों में गुस्सा है, उसे दूर किया जाए, बातचीत शुरु हो। नई दिल्ली को अपना रवैया बदलना होगा। नौजवान पत्थर क्यों फेंक रहे हैं, क्यों बंदूक उठा रहे हैं, इन कारणों की जांच हो और कश्मीरियों के साथ किए गए वादे पूरे किए जाएं तभी यहां हालात ठीक होंगे।
Reason for unrest and stone pelting? Go to the cause, address it and it will stop,but sadly New Delhi not interested: Mustafa Kamal,NC
— ANI (@ANI_news) February 25, 2017
बता दें कि इससे पहले नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि कश्मीर में आतंकी बन रहे युवक विधायक या सांसद बनने के लिए नहीं बल्कि इस कौम और वतन की आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान कर रहे हैं। वे आजादी और अपने हक के लिए लड़ रहे हैं।
हालांकि बाद में अपने बयान से पलटते हुए फारूक ने कहा कि हम हिंसा और आतंकवाद का समर्थन नहीं करते। हम चाहते हैं कि नई दिल्ली यहां रियासत के युवाओं के साथ संवाद बहाल करे। उनमें बहुत गुस्सा है। हम चाहते हैं कि हाईकोर्ट के किसी जज के नेतृत्व में एक आयोग बने जो युवाओं के बंदूक उठाने के कारणों की जांच करे।
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