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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मोदी सरकार के खिलाफ चलाएगा अभियान

भारतीय मुसलमानों की सर्वोच्च इकाई ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआइएमपीबी) ने केंद्र सरकार के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने का फैसला किया है। उनका कहना है कि मोदी सरकार ब्राह्मणवादी संस्कृति और वैदिक धर्म थोपने की कोशिश कर रही है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2015 06:22 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2015 07:59 PM (IST)
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मोदी सरकार के खिलाफ चलाएगा अभियान

हैदराबाद । भारतीय मुसलमानों की सर्वोच्च इकाई ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआइएमपीबी) ने केंद्र सरकार के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने का फैसला किया है। उनका कहना है कि मोदी सरकार ब्राह्मणवादी संस्कृति और वैदिक धर्म थोपने की कोशिश कर रही है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि इससे अल्पसंख्यकों और अन्य समुदायों पर अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान बचाए रखना मुश्किल हो गया है।

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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शनिवार को दीन और दस्तूर बचाओ अभियान का ऐलान कर दिया। बोर्ड ने इस अभियान में अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को भी शामिल कर लिया है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार के ब्राह्मणवादी रुख से इस देश में अन्य कौमों के अस्तित्व के लिए खतरे वाले हालात हो गए हैं। एआइएमपीबी के महासचिव मौलाना सज्जाद नोमानी ने शनिवार को एक प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि ब्राह्मणवादी सोच और रिवाज के चलते योग, सूर्य नमस्कार और वंदेमातरम की पैरवी हो रही है जो भारतीय संविधान के खिलाफ है।

इससे ना सिर्फ मुसलमानों को परेशानी है बल्कि दूसरे समाज और धर्म के लोग भी नाराज हैं। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय होने के नाते बोर्ड की जिम्मेदारी है कि वह आंदोलन शुरू करने के देश के संविधान को बचाए। जब उनसे पूछा गया कि क्या बोर्ड प्रधानमंत्री या गृह मंत्री के पास अपना प्रतिनिधि दल भेजेगा। इस पर उन्होंने कहा कि अभी इस पर विचार नहीं किया गया है। नोमानी ने कहा, यह बहुत शर्मनाक है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं। हमें उनके कुछ कहने पर ऐतराज नहीं है। लेकिन उनके करने पर ऐतराज है।

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