Move to Jagran APP

यहां मर चुकी एक बेटी 11 महीने तक करती रही कॉल, दूसरी अंतिम संस्कार के 10वें दिन लौट आयी

कत्ल, गलत पहचान और कातिल की यह दो ऐसी कहानियां हैं जो आपस में ऐसे घुल-मिल गई हैं कि एक के बिना दूसरी पूरी ही नहीं होती।

By Digpal SinghEdited By: Published: Wed, 14 Feb 2018 02:48 PM (IST)Updated: Wed, 14 Feb 2018 02:56 PM (IST)
यहां मर चुकी एक बेटी 11 महीने तक करती रही कॉल, दूसरी अंतिम संस्कार के 10वें दिन लौट आयी
यहां मर चुकी एक बेटी 11 महीने तक करती रही कॉल, दूसरी अंतिम संस्कार के 10वें दिन लौट आयी
रायपुर, [सतीश पांडेय]। जिसका कत्ल हो गया वह 11 महीने तक जिंदा रही और घरवालों को उसकी कुशलक्षेम पहुंचती रही। जिसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था वह किशोरी 10 दिन बाद घर लौट आयी। कत्ल, गलत पहचान और कातिल की यह दो ऐसी कहानियां हैं जो आपस में ऐसे घुल-मिल गई हैं कि एक के बिना दूसरी पूरी ही नहीं होती।
11 माह पहले मर चुकी थी वह
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक परिवार की बेटी 11 माह पहले ही मर चुकी थी, मगर 11 माह तक लगातार उसके नाम पर कॉल आता रहा! इस 11 माह में कभी बेटी की किसी परिजन से मुलाकात नहीं हुई, फिर भी बेटी तो जिंदा थी, इसलिए माता-पिता और परिजन अपने दिल को सांत्वना दे देते थे। आखिरकार रहस्य खुला और रहस्य खोलने वाला और कोई नहीं, वही मोबाइल फोन था, जिसके जरिए माता-पिता को फोन आता रहा। इस अजीब-ओ-गरीब चक्कर में एक परिवार ही नहीं, तीन जिलों की पुलिस 11 माह तक चकरघिन्नी की तरह घूमती रही।
फोन पर जिंदा थी बेटी
घटना की शुरुआत मार्च 2017 में हुई। रायपुर के एक परिवार की बेटी अचानक लापता हो गई। रिपोर्ट थाने में लिखवाई गई। इस बीच बेटी के फोन नंबर से ही घर में कॉल आता रहा। आवाज बेटी की नहीं होती थी, वह एक युवक का फोन होता था और बताता था कि उनकी बेटी आज रायपुर आयी थी और बोली है कि घर में बता दो सब ठीक है। परिवार वाले उस आवाज पर भरोसा करते रहे।
...और कातिल तक पहुंचे पुलिस के हाथ
एक दिन अचानक धमतरी पुलिस की टीम रायपुर पहुंची और रायपुर पुलिस की मदद से जांच करते हुए परिजनों तक पहुंच गई। फिर उस रहस्यमयी कॉलकर्ता की तलाश हुई और लोकेशन के आधार पर उसे धर दबोचा। तब खौफनाक खुलासा हो गया। दरअसल, इसी युवक ने उस किशोरी की हत्या कर दी थी और रायपुर के ही एक परिचित दंपती की मदद से लाश को धमतरी जिले की एक नहर में फेंक दिया था।
यहां अंतिम संस्कार के 10 दिन बाद लौट आयी किशोरी
हत्या 11 माह पहले ही हो चुकी थी और लाश भी पुलिस बरामद कर चुकी थी। लाश मिलने के बाद केस में मोड़ आ गया था। उसी दौरान महासमुंद की एक किशोरी भी लापता हुई थी। पुलिस ने लाश मिलने पर महासमुंद पुलिस को खबर की और महासमुंद से पहुंचे परिजनों ने उस किशोरी को ही अपनी बेटी मान लिया। फिर घर लेजाकर अंतिम संस्कार तक कर दिया। सभी भौंचक्के तब रह गए, जब अंत्येष्टि के दस दिन बाद उनकी बेटी जिंदा लौट आयी। पुलिस को खबर मिली और धमतरी में मिली लाश की शिनाख्ती के लिए दोबारा जांच शुरू की गई। इसी जांच की कड़ी रायपुर से जुड़ी और फिर मामला साफ हो पाया।
लाश फेंकने में पति-पत्नी ने की मदद
रायपुर के चंगोराभाठा के साहिल विश्वकर्मा (22), भाई दिनेश विश्वकर्मा (33), कुसुम विश्वकर्मा के साथ नानू बेहरा (21) को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इन्होंने ही रायपुर की नाबालिग को सेजबहार में मारकर उसकी लाश धमतरी में फेंक दी थी। रायपुर एएसपी सिटी विजय अग्रवाल के मुताबिक मृत किशोरी का मोबाइल चालू रहा और इसी की जांच से खुलासा हो सका। साहिल घटना के दिन किशोरी को अपने साथ सेजबहार ले गया था। दोस्त नानू को भी बुला लिया। वहां मामूली बात पर विवाद हुआ और गला दबाकर किशोरी को मार डाला। फिर भाई और भाभी की मदद लेकर उनके ऑटो से धमतरी जाकर लाश को नहर में फेंक दिया। तभी शिनाख्ती की कोशिश में मामला महासमुंद पहुंच गया। वहां से एक नाबालिग गायब थी।
बेटी के मोबाइल से आता रहा घरवालों को फोन
कोतवाली थाना क्षेत्र से गायब किशोरी के परिजन समझते रहे कि बेटी अब तक जिंदा है। आरोपी साहिल उन्हें गुमराह करता रहा। हत्या के बाद किशोरी का मोबाइल अपने पास रखा था। इसी नंबर से धमतरी जाकर अपने घर फोन करता था। फिर रायपुर आकर किशोरी के घरवालों को जानकारी देता कि उनकी बेटी ने संपर्क किया है। परिजन नंबर देखकर यकीन कर लेते थे कि बेटी जिंदा है।
जिंदा बेटी के बड़े सबूत ने खोला मौत का राज
सीएसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि धमतरी में शव मिला था, तब शिनाख्ती के लिए फोटो व दूसरे सामान सुरक्षित रखे गए थे। इसकी तस्दीक करने पर मृतका के रायपुर के होने का पता चला।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.