प्रोफेसर का आरोप, जाति के कारण नौकरी से निकाल दिया
मुंबई के एक कॉलेज का मामला सामने आया है जहां प्रोफेसर, कीर्ति सोनावने को प्रोबेशन की अवधि में ही जाति के कारण नौकरी से निकाल दिया गया।
मुंबई, मिड डे। मुंबई के हायर एजुकेशन के ज्वाइंट डायरेक्टर को किए गए अपने शिकायत में कीर्ति सोनावने ने केजी मित्तल कॉलेज ऑफ आर्ट एंड कॉमर्स से हटाए जाने के लिए अधिकारियों को आरोपी करार दिया है। कीर्ति ने शिकायत में कहा है कि उन्हें केवल इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि वह रिजर्व कैटेगरी में आती है लेकिन ओपन कैटेगरी के जरिए कामर्स में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए अप्लाई किया था। अक्टूबर 2015 में नियुक्ति के केवल चार माह बाद ही कॉलेज मैनेजमेंट ने प्रोफेसर को हटा दिया।
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भुसावल निवासी सोनावने ने कहा, ‘असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर मेरी नियुक्ति प्रोटोकॉल के अनुसार हो गयी, 1 अक्टूबर 2015 को नियुक्ति पत्र भी जारी किया गया। कागजातों को जमा करने के दौरान प्रिंसिपल ने मुझसे पूछा, मैं ओपन कैटेगरी से हूं या नहीं। मेरा जवाब न में था। मैंने उन्हें बताया कि मैं रिजर्व कैटेगरी में हूं। यह वैकेंसी ओपन कैटेगरी के लिए थी इसलिए इसमें आवेदन किया। उसी वक्त प्रिंसिपल ने मुझ ऐसा करने के लिए डांटा और ऑफिस के बाहर इंतजार करने को कहा। मुझे नया नियुक्ति पत्र दिया गया। कॉलेज में मुझे मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया कोई सहकर्मी मुझसे बात नहीं करता था।‘
सोनावने ने कहा कि फरवरी में, कॉलेज मैनेजमेंट ने इस्तीफा देने को कहा नहीं तो सर्विस से संस्पेंड करने के लिए चेताया। ‘चूंकि किसी ने उचित जवाब नहीं दिया इसलिए मैंने इस्तीफा देने से मना कर दिया। इसके फलस्वरूप मुझे नौकरी से निकाल दिया गया। अब मैं न्याय के लिए भटक रही हूं।‘
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दूसरी ओर प्रिंसिपल सुहासिनी आर्य ने सोनावने के आरोपों को गलत बताया और उसे दूसरे प्रोफेसरों को परेशान करने का जिम्मेदार ठहरा दिया।
आर्य ने कहा, ‘यदि हमें उसकी जाति से कोई परेशानी होती तो सबसे पहले हम उसे ज्वाइन ही नहीं कराते। नियुक्ति के तुरंत बाद वह लंबी छुट्टी पर चली गयी और मेडिकल लीव की सुविधाओं की मांग करने लगी जो कि प्रोबेशन पीरियड के लिए नहीं है। चूंकि वह बीमार थी इसलिए हमने उससे ठीक हो जाने के बाद काम पर लौटने को कहा। उसे यह अच्छा नहीं लगा और उसने अन्य स्टाफों को परेशान करना शुरू कर दिया। मौजूदा नियमों के अनुसार उसे सर्विस से हटा दिया गया। इसमें उसकी जाति से कोई संबंध नहीं है।‘
मुंबई यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉक्टर एम ए खान से जब पूछा गया कि ओपन कैटेगरी में रिक्तियां होने पर रिजर्व कैटेगरी के लोग आवेदन कर सकते हैं या नहीं, खान ने जवाब में कहा ओपन कैटेगरी मतलब इसमें उपलब्ध रिक्तियों के लिए सभी आवेदन कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘यहां यह जानना महत्वपूर्ण है कि नियुक्ति के बाद एक वर्ष के प्रोबेशन पीरियड में उम्मीदवार को क्यों निकाला गया।‘