मुंबई: लिंग परिवर्तन के बाद इस जोड़े ने किया शादी का फैसला, जानें इनकी दिलचस्प कहानी
तीन साल पहले वे दोनों मुंबई के एक अस्पताल में अपना लिंग पुनर्निर्धारण कराने आए थे। वहीं पर उन दोनों की पहली ही मुलाकात प्यार में बदल गई।
मुंबई (जेएनएन)। ये एक ऐसे जोड़े की कहानी है जो अपने लिंग परिवर्तन के बाद शादी के फैसलों से चर्चा में हैं। दरअसल महिला जो कुछ सालों पहले पुरुष हुआ करती थी और एक पुरुष जो पहले महिला हुआ करता था ने शादी करने का फैसला किया है। इन दोनों की दिलचस्प कहानी हैरान करने वाली है। तीन साल पहले वे दोनों मुंबई के एक अस्पताल में अपना लिंग परिवर्तन कराने आए थे। वहीं पर उन दोनों की पहली ही मुलाकात प्यार में बदल गई। अब अगले महीने वे शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं।
केरल का रहने वाला आरव अप्पुकुट्टन 46, मुंबई में एक अस्पताल में अपना लिंग परिवर्तन कराने गया था। उसके सपनों की राजकुमारी सुकन्या कृष्णन 22, भी वहां अपने अप्वाइंटमेंट पर गई हुई थी। सुकन्या बताती है, मैं अस्पताल में थी, तभी मुझे एक रिश्तेदार का कॉल आया जिनसे मैं अपने स्वास्थ्य के बारे में मलयालम में बात कर रही थी। जब मैंने अपनी बात खत्म की तो आरव भी अपने फोन पर किसी से उसी भाषा में बात कर रहा था। अपनी बात समाप्त करने के बाद वह मेरे पास आकर मुझसे पूछा कि क्या मैं भी केरल से हूं।
कुछ इस तरह दोनों का प्यार चढ़ा परवान
सुकन्या बताती हैं, डॉक्टर से मिलने के लिए 3-4 घंटे का इंतजार दोनों के लिए वरदान साबित हुआ। इस दौरान हम दोनों ने खूब सारी बातें की। हमने इस कंपनी को काफी एंजॉय भी किया। हमने एक दूसरे का फोन नंबर भी लिया और काफी दिनों तक एक दूसरे से बात भी करते रहे। बाद में वह केरल चला गया और मैं बेंगलुरू वापस आ गई, जहां मैं पिछले दो साल से ही जॉब कर रही थी। एक दिन बाद आरव ने मुझे कॉल कर के मेरी सर्जरी के बारे में बातचीत की। शुरुआत में हम सप्ताह में एक बार बात किया करते थे। जल्दी ही हम रोजाना बात करने लगे। दोनों के माता-पिता ने बचपन से ही उन्हें किन्नरों की तरह ट्रीट किया था। कुछ महीनों बाद दोनों ने दूसरी बार मुंबई में उसी अस्पताल में मिलने का फैसला किया।
आरव ने कहा, मैंने सोचा भी नहीं था कि हमें इस तरह प्यार हो जाएगा। हम दोनों ने पूरे रीति-रिवाज के साथ मंदिर में शादी करने का फैसला किया है। अब हम दोनों की परिवार भी इस निर्णय से काफी खुश है। हमने एक बच्चा भी गोद लेने का फैसला किया है। चूंकि हमें पता है कि सर्जरी के बाद अब मैं कभी मां नहीं बन सकती हूं।
मुलाकात से पहले की कहानी
आरव के पिता की मौत कुछ साल पहले ही हो गई थी और उसके भाई बहन कहीं दूसरी जगह पर रहते हैं। सुकन्या के पिता की मौत हो गई थी जिसके बाद उसकी मां ने दोबारा शादी कर ली। लेकिन वह अपने सौतेले पिता के साथ नहीं रहती है। इसी वजह से दोनों भावनात्मक रुप से काफी करीब आए।
आरव ने बताया, जब मैं 13 साल का हुआ तब मुझे पता चला कि मैं औरत नहीं हूं। मुंबई जाने के बाद जब मैंने लड़कों के कपड़े पहने और उनके जैसे हेयरस्टाइल रखी तो वहां के लोकल ट्रेनों के लेडीज डिब्बों में औरतें मुझ पर चिल्लाने लगीं। आरव बनने के बाद अपना लिंग परिवर्तन कराने मैं दुबई गया। एक साल मैं पूरी तरह से औरत से आदमी में बदल चुका था। यहां तक कि मेरे दाढ़ी और मूंछें भी आनी शुरु हो गई थी।
सुकन्या कहती है कि परिवार मुझे लड़कों के कपड़े पहनने को और लड़कों के साथ खेलने को कहते थे। मैं हमेशा उनसे पूछती थी कि वे उनसे ऐसा करने को क्यों कहते हैं जबकि वह अंदर से एक औरत की तरह महसूस करती थी। 12 से 18 साल तक सुकन्या को अपनी चाल-ढ़ाल के लिए अन्य बच्चों का उपहास बनना पड़ा। उसकी इस समस्या को खत्म करने के लिए उसके परिवार ने उसे डॉक्टर के पास लेकर गए जहां उसे कोई हार्मोनल इंजेक्शन दे दिया गया जिससे उसे कई तरह के अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो गईं। इसके कारण वह एसएससी की परीक्षा में भी शामिल नहीं हो पाई।
बाद में सर्जरी के लिए पैसे जमा करने के लिए उसे बेंगलुरु जाना पड़ा जहां एक वेब डिजाइनर की जॉब की ताकि वह अपने इलाज के लिए 8-10 लाख रुपए इकट्ठे कर सके। हर जगह मुझे अपनी प्रतिभा को साबित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी थी। लेकिन हर जगह लोगों ने मुझे औरों से अलग तरह से ट्रीट किया। एक बार तो एयरपोर्ट पर मुझे ये कहकर रोक दिया गया कि मेरे आधारकार्ड से मेरा चेहरा मैच नहीं कर रहा है। मैं इस समस्या को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहती हूं कि हमें किस समस्या से गुजरना पड़ रहा है। अब मैं एक नये फोटो के साथ एक नया आधार कार्ड बनवाने का प्रयास कर रही हूं।
यह भी पढ़ें : 2008 मालेगांव ब्लास्ट: सुप्रीम कोर्ट से मिली कर्नल पुरोहित को राहत, नौ साल बाद हुई जमानत