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घंटों की कोशिशों के बाद भी बचाया नहीं जा सका विशालकाय व्हेल को

मुंबई के समुद्री तट पर बह कर चले आए विश्व की सबसे बड़ी स्तनपायी ब्लू व्हेल को बचाने के लिए 10 घंटा लंबा अभियान चला। फिर भी उसे नहीं बचाया जा सका। इस पूरे ऑपरेशन में वन विभाग व कई मछुआरों ने कड़ी मशक्कत की। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2015 08:28 AM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2015 01:54 PM (IST)
घंटों की कोशिशों के बाद भी बचाया नहीं जा सका विशालकाय व्हेल को

मुंबई। मुंबई के समुद्री तट पर बह कर चले आए विश्व की सबसे बड़ी स्तनपायी ब्लू व्हेल को बचाने के लिए 10 घंटा लंबा अभियान चला। फिर भी उसे नहीं बचाया जा सका। इस पूरे ऑपरेशन में वन विभाग व कई मछुआरों ने कड़ी मशक्कत की। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक व्हेल मछली समुद्री लहरों के तेज बहाव से मुंबई के अलीबाग बीच पर आ गई थी। इसे दोबारा समुद्र में पहुंचाने के लिए मैराथन प्रयास किया गया।

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पानी में रहनेवाले जीव को बचाने का भारत में इस तरह का यह पहला प्रयास था। व्हेल का वजन तकरबीन 20 टन था और इसकी लंबाई 40 फीट थी। लंबे वक्त तक पानी से बाहर रहने की वजह से गुरुवार सुबह व्हेल ने दम तोड़ दिया। वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस तरह के ऑपरेशन का कोई अनुभव नहीं था, फिरभी हमने सारे प्रयास किए। अधिकारी ने कहा कि हमे ऐसे ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए एक्सपर्ट की जरूरत थी।

व्हेल को पानी में ढकेलने के लिए विभाग ने जेसीबी मशीन तक का उपयोग किया। लेकिन जेसीबी के अधिक दबाव से मछली को गंभीर चोटों का भी खतरा था। इसलिए अधित ताकत नहीं लगाई जा सकती थी। जानकारी के मुताबिक मछली के उतकों को सुरक्षित रख लिया गया है ताकि मछली की इस प्रजाति के बारे में अधिक से अधिक से जानकारी मिल सके।


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