पश्चिम बंगाल में भाजपा और मुकुल की राह हो सकती है एक
केंद्रीय राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने कोलकाता में मुकुल की सांगठनिक क्षमता की प्रशंसा की है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पश्चिम बंगाल में भाजपा से अब तक दूरी बनाकर खड़े तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता मुकुल राय बहुत दिनों तक यूं ही नहीं रहेंगे। दरअसल आग दोनों ओर है। मुकल के लिए अगर भाजपा सबसे मुफीद है तो भाजपा को भी मुकुल की जरूरत बेताबी से है। अगले सप्ताह तक स्थितियां स्पष्ट हो सकती हैं।
मुकुल संभवत: अगले सप्ताह दिल्ली पहुंच रहे हैं। वहीं केंद्रीय राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने कोलकाता में मुकुल की सांगठनिक क्षमता की प्रशंसा की है। इसे बहुत तूल न भी दिया जाए तो भाजपा सूत्रों का मानना है कि कोई भी फैसला जल्द लेना होगा। यह सच है कि मुकुल के तृणमूल मे रहते हुए भाजपा ने उनके खिलाफ भी कई मुद्दे उठाए थे लेकिन फंदा इतना बड़ा भी नहीं है कि रिश्ता ही न जोड़ा जा सके। वैसे भी भाजपा को वहां एक बड़े चेहरे की जरूरत है। मुकुल ऐसा चेहरा साबित हो सकते हैं जो भाजपा के संगठन को मजबूती दे सके।
पार्टी सूत्रों का मानना है अलग रहकर मुकुल बड़ा फायदा नहीं पहुंचा सकते। उनके भाजपा में जुड़ने के बाद ही जमीनी स्तर से तृणमूल के कार्यकर्ता भाजपा का रुख करेंगे। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में हाल के चुनावों में भाजपा कई स्थानों पर दूसरे नंबर पर रही थी लेकिन आंकड़ों में तृणमूल से काफी पीछे थी। यही कारण है कि मुकुल को जोड़कर भाजपा की ताकत बढ़ाने को ज्यादा उपयुक्त माना जा रहा है। विधानसभा चुनाव में तो अभी लंबा वक्त है लेकिन लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। भाजपा ने पश्चिम बंगाल में ऐसी सात आठ सीटों पर नजरें गढ़ाई हैं जहां जीत हासिल की जा सकती है। मुकुल की मौजूदगी से इसे और बल मिल सकता है।
दूसरी ओर से मुकुल को भी भाजपा जैसी पार्टी का दामन चाहिए जहां उनके लिए स्थान भी हो और हर स्तर पर तृणमूल से लड़ने का जज्बा भी रखती हो और क्षमता भी। माना जा रहा है कि मुकुल अगले सप्ताह की शुरूआत में दिल्ली में होंगे और उस वक्त स्थिति और स्पष्ट होगी।
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