JNU में नजर आया मोस्ट वॉन्टेड मुजीब अहमद, कैंपस का माहौल फिर गरम
जेएनयू में वॉन्टेड मुजीब अहमद के देखे जाने के बाद यहां का माहौल फिर गरमा गया है। इसकी भनक दिल्ली पुलिस को भी है, लेकिन पुलिस इस मामले में अपने हाथ बंधेे पा रही है।
नई दिल्ली [ जेएनएन ]। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में चर्चित देशविरोधी नारेबाजी मामले में वॉन्टेड मुजीब अहमद के शुक्रवार को कैंपस में देखे जाने के बाद यहां का माहौल फिर गरमा गया है। इसकी भनक दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को भी है। इसे लेकर जेएनयू में कई तरह की चर्चाएं भी चल रही है। बता दें कि पुलिस के मुताबिक मुजीब अहमद नारेबाजी के विडियो में नजर आया था।
कन्हैया ने लगाया विमान में हमला किए जाने का आरोप
एक अन्य वॉन्टेड युवक के भाई मुनीब के आने की भी खबर भी दिल्ली पुलिस के पास है। लेकिन स्थानीय पुलिस के हाथ बंधे हुए हैं। स्थानीय पुलिस रिपोर्ट मिलने की प्रतीक्षा कर रही है। छात्रों की गिरफ्तारियों के बाद इस मामले में हुए भारी विरोध के मद्देनजर स्पेशल सेल अभी किसी वॉन्टेड को गिरफ्तार करने में हिचक रही है।
कन्हैया कुमार और उमर खालिद को मिली सजा
फरवरी में जेएनयू कैम्पस में भारत-विरोधी और कश्मीर की आजादी के समर्थन में हुई नारेबाजी के मामले में पुलिस आधिकारिक तौर पर एक दर्जन से ज्यादा मुलजिमों की तलाश कर रही है। पुलिस ने बताया कि ये सभी कश्मीर के मूल निवासी हैं।
तहकीकात में स्पेशल सेल को जानकारी मिली कि पहले आई रिपोर्ट्स के उलट ये सभी जेएनयू में आउटसाइडर नहीं थे, बल्कि सभी जेएनयू के ही स्टूडेंट हैं। नारेबाजी के मामले में केस दर्ज होने के बाद ये सभी लापता हैं। स्पेशल सेल के पास इन सभी के नाम-पते हैं, लेकिन उमर खालिद और कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के विरोध के बाद पुलिस अब और गिरफ्तारियां नहीं करना चाहती। नारेबाजी के विडियो में नजर आए इन वॉन्टेड युवकों में से एक नाम मुजीब अहमद का भी है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि मुजीब जेएनयू का स्टूडेंट है।
इस बारे में स्पेशल सेल के जॉइंट कमिश्नर वी रंगनाथन ने कहा कि उन्हें किसी वॉन्टेड मुलजिम के जेएनयू कैम्पस में आने के बारे में जानकारी नहीं है। हालांकि स्पेशल सेल के पुलिसकर्मियों को इस बारे में जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि उन्हें फरवरी के विडियो में भारत विरोधी नारेबाजी कर रहे युवकों के नाम और कश्मीर के उनके पतों की जानकारी जेएनयू के रिकॉर्ड से मिल चुकी है, लेकिन अब तक एक बार भी उनकी धरपकड़ के लिए दबिश नहीं डाली गई है।
इस मामले में हुए विवाद के बाद अब स्पेशल सेल कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। आला स्तर से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद ही गिरफ्तारी की जाएगी।
HC ने विभागिय कार्रवाई पर लगाई है राेक
बता दें कि जेएनयू स्टूडेंट उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा है कि जब तक अपीलीय ट्रिब्युनल फैसला नहीं ले लेता, तब तक विभागीय कार्रवाई पर रोक लगाई जाती है।
हाई कोर्ट ने कहा है कि अदालत का विचार है कि दोनों याची भी उस प्रोटेक्शन के हकदार हैं जो इस मामले के अन्य याचिकाकर्ताओं को 13 मई को दिया गया था। जेएनयू से निष्कासित उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा था कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर तब तक रोक लगाई जानी चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा था कि जिस तरह से जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के प्रेजिडेंट कन्हैया कुमार को राहत मिली है, उन्हें भी रिलीफ दिया जाना चाहिए।