भारत का यह वैज्ञानिक हो सकता है देश का राष्ट्रपति, शिवसेना ने रखा प्रस्ताव
शिव सेना नेता संजय राउत ने बताया कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को एमएस स्वामीनाथन के नाम का सुझाव दिया है।
नई दिल्ली (एएनअाई)। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर चल रही उठापटक के बीच शिवसेना ने अाज अपना पत्ता खोल दिया। शिवसेना ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को सुझाव दिया है कि यदि मोहन भागवत को देश का राष्ट्रपति नहीं बना सकते तो वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत का राष्ट्रपति बनाया जाए।
शिव सेना नेता संजय राउत ने बताया कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को एमएस स्वामीनाथन के नाम का सुझाव दिया है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी खुलकर सामने आए हैं। उन्होंने राष्ट्रपति उम्मीदवार पर अपनी मंशा साफ करते हुए कहा कि 'संघ प्रमुख मोहन भागवत हमारी पहली पसंद हैं, लेकिन उनके नाम पर अगर किसी को आपत्ति है, ऐसे में हम एमएस स्वामीनाथन के नाम का प्रस्ताव रखेंगे'।
Uddhav Thackeray to forward MS Swaminathan's name to Amit Shah if BJP is not ready for Bhagwat's candidature for Pres:Sanjay Raut,Shiv Sena pic.twitter.com/Glc3P70Ewe
— ANI (@ANI_news) June 16, 2017
2002 अटल बिहारी ने सब को चौकाया था
वर्ष 2002 में राष्ट्रपति चुनाव में भी कुछ एेसी ही स्थिति बनीं थी, जब विपक्ष अाम सहमति को तैयार नहीं था। उस समय सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के नाम प्रस्ताव रखा था। जिस पर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी की सहमति मिल गई। उस समय विपक्ष के पास कोई रास्ता नहीं बचा अौर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को सत्ता पक्ष तथा विपक्ष का साझा उम्मीदवार घोषित किया गया।
सोनिया से मिले भाजपा नेता
वहीं, दूसरी अोर राष्ट्रपति चुनाव को लेकर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह व एम वेंकैया नायडू अाज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा नेताअों ने राष्ट्रपति उम्मीदवार का नाम नहीं बताया बल्कि हमसे ही पूछा की किसे राष्ट्रपति बनाया जाए। नायडू पहले ही एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल और बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा से भी बात कर चुके हैं।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड्गे ने एएनआई को बताया कि इस मीटिंग में हुई चर्चा को पार्टी के अन्य सदस्यों और चुनाव के लिए गठित उपसमिति के साथ बांटा जाएगा। हम सबके मत को विचाराधीन रखेंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के समर्थन देने की बात को खारिज करते हुए खड्गे ने बताया कि सेक्युलर पार्टी होने के नाते कांग्रेस के विचार से राष्ट्रपति पद के लिए भागवत उपयुक्त उम्मीदवार नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘हम सेक्युलर पार्टी हैं। हम कभी मोहन भागवत को व अन्य पार्टियों को समर्थन नहीं देंगे। उनका नाम शिवसेना की ओर से प्रस्तावित किया गया है। हम नहीं जानते कि उनका भाजपा के साथ क्या संबंध हैं। हम सेक्युलर पार्टी से उम्मीदवार का चयन करेंगे।'
गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने 12 जून को गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और नायडू को समिति में नियुक्त किया था जिससे कि राष्ट्रपति चुनाव में सर्वसम्मत उम्मीदवार चुनने के लिए विपक्षी दलों से बात की जा सके। वेंकैया नायडू ने गुरुवार को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और टीडीपी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू से भी बात की। चंद्रबाबू ने वेंकैया से कहा है कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णय के साथ खड़ी है। वहीं पवार ने कहा है कि वह आगे की बातचीत के लिए अगले कुछ दिन दिल्ली में है।
जानिए, कौन हैं एम एस स्वामिनाथन
एम एस स्वामिनाथन का जन्म 7 अगस्त 1925 को कुम्भकोणम, तमिलनाडु में हुअा था। वे पौधों के जेनेटिक वैज्ञानिक हैं जिन्हें भारत की हरित क्रांति का जनक माना जाता है। उन्होंने 1966 में मैक्सिको के बीजों को पंजाब की घरेलू किस्मों के साथ मिश्रित करके उच्च उत्पादकता वाले गेहूं के संकर बीज विकिसित किए। उन्हें विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन 1972 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
'हरित क्रांति' कार्यक्रम के तहत ज़्यादा उपज देने वाले गेहूं और चावल के बीज ग़रीब किसानों के खेतों में लगाए गए थे। इस क्रांति ने भारत को दुनिया में खाद्यान्न की सर्वाधिक कमी वाले देश के कलंक से उबारकर 25 वर्ष से कम समय में आत्मनिर्भर बना दिया था। उस समय से भारत के कृषि पुनर्जागरण ने स्वामीनाथन को 'कृषि क्रांति आंदोलन' के वैज्ञानिक नेता के रूप में ख्याति दिलाई। एम एस स्वामीनाथन को 'विज्ञान एवं अभियांत्रिकी' के क्षेत्र में 'भारत सरकार' द्वारा सन 1967 में 'पद्म श्री', 1972 में 'पद्म भूषण' और 1989 में 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया था।