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संसद की कैंटीन का खाना खाकर जया बच्चन व रामगोपाल बीमार

राज्यसभा में बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव व उन्हीं की पार्टी की सदस्य जया बच्चन के गत दिनों संसद की कैंटीन का भोजन करने के बाद तबियत खराब होने का मामला उठा, जिस पर विभिन्न दलों के सदस्यों ने चिंता जताई। सरकार ने इस मामले में कैंटीन के अधिकारियों से बात कर उपयुक्त कार्रवाई करने क

By Edited By: Published: Wed, 30 Jul 2014 03:03 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jul 2014 09:23 AM (IST)
संसद की कैंटीन का खाना खाकर जया बच्चन व रामगोपाल बीमार

नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव व उन्हीं की पार्टी की सदस्य जया बच्चन के गत दिनों संसद की कैंटीन का भोजन करने के बाद तबियत खराब होने का मामला उठा, जिस पर विभिन्न दलों के सदस्यों ने चिंता जताई। सरकार ने इस मामले में कैंटीन के अधिकारियों से बात कर उपयुक्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

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जदयू सदस्य केसी त्यागी ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि गत दिनों संसद की कैंटीन का भोजन खाकर रामगोपाल यादव की तबियत चार दिनों तक खराब रही। वहीं, जया बच्चन भी इसी खाने को खाकर अस्वस्थ हो गईं। उन्होंने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है और सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सदस्यों को अच्छा भोजन मिले।

इस पर उपसभापति पीजे कुरियन ने सदन में मौजूद संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू को निर्देश दिया कि वह इस मामले को देखें। नायडू ने सदन को आश्वासन देते हुए कहा कि उन्होंने त्यागी की बात को संज्ञान में लिया है, वह कैंटीन के अधिकारियों को बुलाकर इस मुद्दे पर बातचीत कर उपयुक्त समाधान निकालेंगे।

जया ने कहा कि वह इस मामले पर चर्चा नहीं करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें पिछले दिनों संसद की कैंटीन का भोजन करने के बाद बहुत तकलीफ हुई। सदन के सदस्यों को पिछले दिनों देर तक बैठना पड़ा था, इस दौरान उन्होंने कैंटीन से खाना खाया। जया ने कहा कि इस तरह का खाना पिछले 4-5 साल से संसद की कैंटीन में दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें बासी भोजन मिल रहा है।

कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने उनकी इस शिकायत का समर्थन करते हुए कहा कि यह समस्या तब से शुरू हुई है, जब से संसद की कैंटीन में भोजन बाहर से मंगाया जाने लगा। संसद की कैंटीन में रसोई को बंद कर दिया गया है, खाना सुबह 6 बजे ही मंगा लिया जाता है और फिर पूरे दिन दिया जाता है। शुक्ला ने कहा कि वह स्वयं कैंटीन समिति के सदस्य रह चुके हैं और उन्होंने संसद की रसोई में भोजन बनाने की सिफारिश की थी। उन्होंने कहा कि सरकार पुरानी व्यवस्था फिर से बहाल करे।

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