गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाए रखने की सांसद मेनका गांधी ने ली शपथ
मैं शपथ लेती हूं कि .. ..गंगा से जुड़ी देश की अस्मिता और पौराणिक इतिहास से जुड़ी इसकी आस्था को कभी डिगने नहीं दूंगी। इसे स्वच्छ और निर्मल बनाए रखने के लिए मैं व्यक्तिगत रूप से हमेशा ही प्रयासशील हूं। मेरा आह्वान है कि गंगा के मूल स्वरूप से न केवल हरिद्वार, कानपुर बल्कि देश के कोने कोने में कहीं भी कोई छेड़छाड़ न की जाए। ए
मैं शपथ लेती हूं कि ..
..गंगा से जुड़ी देश की अस्मिता और पौराणिक इतिहास से जुड़ी इसकी आस्था को कभी डिगने नहीं दूंगी। इसे स्वच्छ और निर्मल बनाए रखने के लिए मैं व्यक्तिगत रूप से हमेशा ही प्रयासशील हूं। मेरा आह्वान है कि गंगा के मूल स्वरूप से न केवल हरिद्वार, कानपुर बल्कि देश के कोने कोने में कहीं भी कोई छेड़छाड़ न की जाए। एक जिम्मेदार जन प्रतिनिधि होने के नाते मैं देश के सर्वोच्च सदन संसद में गंगा के उत्थान के बारे में अपने विचार व सुझाव दूंगी। अपने संसदीय क्षेत्र से जुड़ी नदियों के प्रवाह व वेग के लिए भी केंद्रीय स्तर पर मजबूत पैरवी करके राज्य सरकार से समन्वय स्थापित करूंगी। मेरे संसदीय क्षेत्र में देवहा, शारदा और गोमती जैसी बेशकीमती नदियां हैं। इनके उत्थान के लिए हमेशा ही मेरे प्रयास सार्थक रहे हैं।
अब जरूरत है कि राष्ट्रीय मुद्दे के इस अहम प्रोजेक्ट में हम सभी पूरी तरह से तन्मयता के साथ जुटकर गंगा के पानी को निर्मल बनाने में सहयोग करेंगे। इस बार यह प्रयास सकारात्मक रंग लाएंगे, इसका मुझे पूरा यकीन है। समन्वित प्रयास क्रियान्वित होकर गंगा की दिशा और दशा को बेहतर करेंगे। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पानी और गंगा का संरक्षण कराने में अपना संपूर्ण योगदान दूंगी।