सांसद फंड भी देगा कैशलेस को बढ़ावा
डिजिटल पेमेंट के लिए ढांचागत सुविधाएं तैयार करने को सरकार हर तरफ से संसाधनों का इस्तेमाल कर आइटी सुविधाओं के विस्तार पर खर्च करना चाहती है। इसलिए मंत्रालय के इस कदम को
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लेन-देन के लिए नकदी का इस्तेमाल कम करने और डिजिटल पेमेंट की सुविधा के लिए ढांचा तैयार करने में अब सांसद भी मदद करेंगे। संसद सदस्य अपनी सांसद निधि से दूरदराज के गांवों में फिक्स्ड वाई-फाई सिस्टम लगा सकेंगे। सरकार ने इस संबंध में सांसद निधि के नियमों में बदलाव कर सांसदों को एमपीलैड से यह कार्य कराने की मंजूरी दे दी है। बताया जाता है कि सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सभी सांसदों को देश के दूर-दराज के इलाकों में वाई-फाई सुविधा पहुंचाने में योगदान करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने सांसद निधि के नियमों में बदलाव करते हुए सांसदों को शैक्षिक संस्थानांे, गांवों और चुनिंदा जगहों पर वाई-फाई सिस्टम लगाने के लिए सांसद निधि की राशि खर्च करने की अनुमति दे दी है। मंत्रालय ने इस संबंध में देशभर में सभी जिलाधिकारियों को 28 नवंबर को निर्देश भी भेज दिया है।
सांसद केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय निकाय के अधीन आने वाले स्थान पर वाई-फाई सिस्टम लगा सकेंगे। जिलाधिकारी के अधीन एनआइसी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों की एक टीम निर्धारित मानकों के वाई-फाई उपकरणों की खरीद कर सकती है। हालांकि सांसद निधि से खरीदे गए उपकरणों के रखरखाव की जिम्मेदारी यूजर एजेंसी की होगी और इसके चलाने में आने वाला खर्च सांसद निधि से नहीं होगा।
डिजिटल पेमेंट के लिए ढांचागत सुविधाएं तैयार करने को सरकार हर तरफ से संसाधनों का इस्तेमाल कर आइटी सुविधाओं के विस्तार पर खर्च करना चाहती है। इसलिए मंत्रालय के इस कदम को इसी दिशा में देखा जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि वैसे बहुत से गांवों को कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से इंटरनेट से जोड़ा जा रहा है लेकिन इंटरनेट की सुविधा पहुंचने पर गांव के युवकों और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को सुविधा मिल सकेगी।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय सोमवार से एक अभियान शुरु करने जा रहा है जिसके तहत देशभर में स्थित कॉमन सर्विस सेंटर औसतन चार व्यापारियों को डिजिटल पेमेंट के प्लेटफार्म से जोड़ने की कवायद शुरु करेंगे। सरकार इस अभियान पर भारी भरकम 100 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। इसके अलावा डिजिटल साक्षरता के प्रसार भी जोर दिया जाएगा।
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