बेटे से त्रस्त मां बोली इच्छा मृत्यु दे दो
पाथाखेड़ा निवासी सरूबाई ने शिकायत में बताया कि उसके पति सारणी कोल माइंस में लैम्प फीटर थे।
बैतूल। नईदुनिया प्रतिनिधि। बच्चों की खुशी के लिए माता-पिता अपनी हर खुशी का त्याग कर देते हैं, लेकिन एक वृद्घा अपने इकलौते बेटे से इतनी त्रस्त हो गई कि उसने उसके बेटे की नौकरी वापस लेने या फिर इच्छा मृत्यु देने की गुहार लगाने को मजबूर हो गई। इस संबंध में पीड़ित वृद्घा ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंच कर जनसुनवाई में शिकायत की।
पाथाखेड़ा निवासी सरूबाई दरवाई पत्नी स्वर्गीय श्यामराव दरवाई (70) ने अपनी शिकायत में बताया कि उसके पति सारणी कोल माइंस में लैम्प फीटर थे। उनकी मृत्यु के बाद उनकी जगह मिलने वाली नौकरी ही उनका एकमात्र सहारा थी। उसी से उनका शेष जीवन कटना था और छोटी बेटी का विवाह होना था। पढ़े-लिखे नहीं होने के कारण बेटे नारायण दरवाई ने धोखे से अंगूठा लगाकर नौकरी प्राप्त कर ली। इसके बाद कोर्ट केस में फैसला हुआ कि हर महीने वह 400 रुपए जीवन निर्वाह के लिए देगा। वह कभी-कभी 4-4 महीने तक पैसे नहीं भेजता था। अब एक साल से कोई पैसे नहीं दिए हैं। वृद्घा के अनुसार अब उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता और इसी के चलते जब पैसों के लिए फोन लगाया तो उसने साफ कह दिया कि वह कटोरा थमा देगा। यदि घर आई तो बेइज्जत कर भगा दूंगा। बीमार होने पर बेटियों ने इलाज कराया। हालत गंभीर होने पर नागपुर रेफर किया तो पुत्र को बुलाया। यहां ठीक न होने के बावजूद 15 दिन में ही पाथाखेड़ा लाकर छोड़ दिया। इतना ही नहीं रास्ते में इलाज के पैसे भी मांग लिए। पैसे नहीं होने से मना किया तो बेटे और बहू दोनों ने मारपीट की। यह भी कह दिया कि दोबारा फोन मत करना। वृद्धा सरू दरवाई ने न्याय की गुहार कलेक्टर से लगाई है
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