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सहारा प्रमुख सुब्रत राय की मां का निधन, आज बैकुंठधाम में अंतिम संस्कार

सहारा समूह के मुखिया सुब्रत रॉय सहारा की मां श्रीमती छबि रॉय का कल देर रात लखनऊ में निधन हो गया। तिहाड जेल में बंद सुब्रत रॉय सहारा से करीब दो वर्ष से मिलने का इंतजार कर रहीं उनकी बीमार मां बेटे से मिलने की इच्छा में ही जिंदा थीं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 06 May 2016 09:42 AM (IST)Updated: Sat, 07 May 2016 10:21 AM (IST)
सहारा प्रमुख सुब्रत राय की मां का निधन, आज बैकुंठधाम में अंतिम संस्कार

लखनऊ। सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय सहारा की मां श्रीमती छबि राय (95) का बीती रात करीब 1:34 बजे गोमतीनगर स्थित सहारा हाउस में निधन के बाद सहारा शहर में करीबियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। छबि राय का अंतिम संस्कार आज शाम करीब चार बजे बैकुंठधाम में होगा।

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छबि राय के निधन की सूचना पाकर कई करीबी व सहारा समूह के वरिष्ठ अधिकारी गुरुवार देर रात ही सहारा शहर पहुंच गए थे। सहारा लखनऊ स्थित सहारा हाउस के भूतल स्थित हॉल में छबि राय के शव को रखा गया है। सुबह से सहारा परिवार के करीबियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी की बेटी आराधना मिश्रा भी सहारा हाउस पहुंची और शोकाकुल परिवार से मुलाकात की। सहारा हाउस में सुब्रत राय की पत्नी स्वप्ना राय, भाई जयब्रत, बहन कुमकुम रॉय चौधरी व अन्य परिवारीजन मौजूद थे। स्वर्गीय सुधीर चंद्र राय की पत्नी छबि राय का जन्म अररिया बिहार में हुआ था। उनके पिता का नाम स्वर्गीय माखन लाल दासगुप्ता था। अपने जीवन के दौरान वह हमेशा समाजसेवा के कार्यों से जुड़ी रहीं। सहारा शहर, गोमतीनगर में ही एक छोटा सा अस्पताल बनाया गया था, जहां पर वह करीब दो वर्ष से डॉक्टरों की देखरेख में थीं। सुब्रत राय सहारा चार मार्च 2014 से जेल में निरुद्ध हैं। पिछले दो सालों से छबि राय बेटे सुब्रत राय से मिलने की आस संजोए थीं, लेकिन उनकी यह हसरत अधूरी रह गई। दूसरी ओर शुक्रवार दोपहर सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय की चार सप्ताह की पैरोल मंजूर कर दी। जिसके बाद से परिवारीजन व करीबी उनके लखनऊ पहुंचने का इन्तजार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि सुब्रत राय के सहारा शहर पहुंचने के बाद कई वीवीआइपी भी वहां पहुंच सकते हैं। सुब्रत राय सहारा 4 मार्च, 2014 से जेल में हैं। इस दौरान वह तीन किताबें लिख चुके हैं। इनमें से एक किताब रिलीज भी हो गई है। सहारा समूह पर निवेशकों के 24 हजार करोड़ रुपए नहीं लौटाने के आरोप हैं।


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