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मणिपुर में नदियां खतरे के निशान से ऊपर, बाढ़ से किसान कर रहे त्राहिमाम

किसानों ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि बारिश के बाद उनके फसलों को फायदा होगा लेकिन अब उन्हें धान की फसल और सब्जियोें के नष्ट होने का डर है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Mon, 23 Oct 2017 04:55 PM (IST)Updated: Mon, 23 Oct 2017 04:57 PM (IST)
मणिपुर में नदियां खतरे के निशान से ऊपर, बाढ़ से किसान कर रहे त्राहिमाम
मणिपुर में नदियां खतरे के निशान से ऊपर, बाढ़ से किसान कर रहे त्राहिमाम

इम्फाल (आइएएनएस)। मणिपुर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की वजह से बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। सोमवार को काफी गांवों और धान के खेतों में जलजमाव की स्थिति बन गई है। राज्य की ईरिल नदी खतरे के निशान से ऊपर चली गई है। गांववासियों का कहना है कि हालांकि कुछ जिलों में बारिश थम गई है लेकिन हिली इलाकों में  जहां से सभी नदियों की उत्पत्ति होती है वहां भारी जलजमाव की स्थिति बन गई है। गुस्साए ग्रामीणों ने कहा कि अब तक कोई भी आधिकारी और स्थानीय विधायक उनकी सुध लेने नहीं आया है। उन्होंने स्वयं अपने संसाधनों का उपयोग करके नदी के किनारों को ऊपर उठाने का काम किया।

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राजधानी इम्फाल की मुख्य सड़कों पर बी बाढ़ आ गई है। किसानों ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि बारिश के बाद उनके फसलों को फायदा होगा लेकिन अब उन्हें धान की फसल और सब्जियोें के नष्ट होने का डर है। किसानों का कहना है कि उन्हें सरकार से कोई सहायता नहीं मिली है। हालांकि, केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर में बाढ़ पीड़ितों के लिए धन मंजूरी दे दी है। जुलाई में आए बाढ़ के बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने घोषणा की थी कि सरकार तुरंत ही उपज वाले धान के पौधों का वितरण करेगी लेकिन अब तक उन्हें वे उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। बताया जाता है कि, शनिवार सुबह से ही घाटी इलाकों में मूसलाधार बारिश शुरु हुई।

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