स्वच्छ भारत योजना की मुहीम का असर, तय लक्ष्य से अधिक बने शौचालय
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने यह जाच्कारी स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा बैठक के बाद दी।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो । स्वच्छ भारत मिशन के लिए निर्धारित लक्ष्य को सरकार समय से पहले ही प्राप्त कर लेगी। शहरी क्षेत्रों के घरों में शौचालय बनाने के मामले में ज्यादातर राज्यों के प्रदर्शन उत्साहजनक रहे हैं। पहले दो सालों में ही 40 फीसद शहरी घरों में शौचालय बना लिये गये है। स्वच्छता के मामले में आमतौर पिछड़े रहने वाले राज्यों में शुमार उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों का प्रदर्शन भी उत्साहजनक रहा है। दोनों राज्यों के शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान को पूरी तरजीह मिल रही है।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने यह जाच्कारी स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा बैठक के बाद दी। राष्ट्रीय स्तर पर पिछले दो सालों के दौरान मिशन के तहत 23 लाख शहरी घरों में शौचालय बना लिये गये हैं। जबकि वर्ष 2019 तक शहरी क्षेत्रों में कुल 66.42 लाख घरों में शौचालय बनाये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इससे देश के शहरी क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त बनाने में मदद मिलेगी। गुजरात और आंध्र प्रदेश में हर शहरी घर में शौचालय बनाने का लक्ष्य तीन सालों में पूरा किया जाना था, जिसके अगले साल के सितंबर में ही पूरा होने की उम्मीद है।
केरल के शहरी क्षेत्रों का प्रदर्शन 68 फीसद रहा है, जबकि 90 हजार से अधिक शहरी शौचालय बनाकर छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन 61 फीसद है। मध्य प्रदेश अपने लक्ष्य का 46 फीसद और तमिलनाडु 43 फीसद शौचालय बना चुका है।
आम धारणा के विपरीत उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने स्वच्छ भारत मिशन में अच्छा काम किया है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री नायडू की समीक्षा बैठक में इस बात को सराहा गया। उन्होंने कहा कि राज्यों के उत्साह व प्रदर्शन को देखते हुए इस लक्ष्य को समय से पहले प्राप्त किया जा सकता है। निर्धारित 30 फीसद के लक्ष्य वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश ने 31 फीसद, झारखंड ने 30 फीसद और महाराष्ट्र ने 33 फीसद पूरा किया है।