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लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर एयरफोर्स का आपरेशनल रिहर्सल खत्म

उन्नाव के बांगरमऊ क्षेत्र में आज लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर भारतीय वायुसेना से फाइटर प्लेन गरज रहे थे। मात्र 15 से 20 सेकेंड में यह विमान लखनऊ-आगरा एक्सप्रसवे पर उतरे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 24 Oct 2017 10:46 AM (IST)Updated: Tue, 24 Oct 2017 02:57 PM (IST)
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर एयरफोर्स का आपरेशनल रिहर्सल खत्म
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर एयरफोर्स का आपरेशनल रिहर्सल खत्म

लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश की राजधानी को कानपुर से जोडऩे वाले जिले उन्नाव के बांगरमऊ क्षेत्र में आज युद्ध जैसा नजारा था। वायुसेना के एक दर्जन से अधिक फाइटर प्लेन के साथ ही चार मालवाहक विमान की हैरत में डालने वाली लैंडिग तथा टेक-ऑफ देखने वहां उमड़े हजारों लोगों ने दांतों तले उंगली दबा ली। एयरफोर्स का आपरेशनल रिहर्सल हुई खत्म। सबसे अंत में आए हरक्युलिस ग्लोबमास्टर से गरुड़ कमांडोज को लेकर रवाना हुआ।

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उन्नाव के बांगरमऊ क्षेत्र में आज लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर भारतीय वायुसेना से फाइटर प्लेन गरज रहे थे। मात्र 15 से 20 सेकेंड में यह विमान लखनऊ-आगरा एक्सप्रसवे पर उतरे। नजारा देखने वाला था और इसके प्रत्ययदर्शी बने वायुसेना तथा उत्तर प्रदेश के तमाम अधिकारियों के साथ ही हजारों लोग।

वायुसेना ने भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए आज हाइवे पर उड़ान भरी। ऐसा पहली बार हुआ जब उन्नाव के पास बांगरमऊ हाइवे पर 17 विमान ने हाइवे पर टच डाउन किया। इससे पहले जब एक्सप्रेस-वे बन रहा था, तभी वायुसेना के अनुरोध पर चार किलोमीटर का पैच रनवे की तरह ही तकनीकी तौर पर मजबूत और सॉलिड बनाया गया था।

चार सेकेंड तक जमीन पर 15 लड़ाकू विमान

भारतीय वायुसेना के 15 लड़ाकू विमानों ने आगरा एक्सप्रेस-वे पर आज इतिहास रचा। पिछले 15 दिनों से इन 15 लड़ाकू विमानों के जांबाज पायलट कड़ा अभ्यास कर रहे थे। लड़ाकू विमान सुपरसोनिक सुखोई एसयू-30, जगुआर और मिराज जब आगरा एक्सप्रेस-वे पर उतरे तो उनकी गति 260 किलोमीटर प्रतिघंटा थी।

देखें तस्वीरें : लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर भारतीय वायुसेना की ड्रिल

वैसे तो एक्सप्रेस-वे का पांच किलोमीटर का हिस्सा विमानों के टच और उड़ान भरने के लिए लिया गया है, लेकिन केवल तीन किलोमीटर एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल किया गया। तेज गति से विमान तीन सौ मीटर के पैच पर ही उतरे। इस दौरान चार सेकेंड के लिए जमीन को छुआ। 

बीते वर्ष भी वायुसेना के आठ लड़ाकू विमानों ने इसी जगह एक्सप्रेस-वे पर और 2015 में मथुरा के पास यमुना एक्सप्रेस-वे पर भी वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज 2000 ने टच डाउन किया था।

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वैसे जिस जगह पर भी वायुसेना के लड़ाकू विमान को टच डाउन कराया गया था वह एक तरह से आम सड़क के साथ रनवे भी है।

उसे खासतौर पर रनवे की तरह बनाया गया है कि वह लड़ाकू विमान का दबाव झेल सके. इसके पीछे सोच है कि आपात हालात में जब रनवे विमान के लिए उपलब्ध नहीं हो तो फिर लड़ाकू विमानों को ऐसी जगहों पर उतारा जा सकता है।

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देश में ऐसा प्रयोग पहली बार 2015 में किया गया था, जब वायुसेना के मिराज लड़ाकू विमान ने किसी राजमार्ग पर टच डाउन किया था। दूसरी बार ऐसा प्रयोग बीते साल लखनऊ के पास इसी जगह पर किया गया था, जो पूरी तरह से सफल रहा था। दलअसल ऐसा इस कारण से किया जा रहा है कि अगर जंग के दौरान अगर आपका एयरबेस बरबाद हो जाता है तो ऐसे राजमार्ग का बखूबी इस्तेमाल किया जा सकता है।

आज सुबह 10 बजे अमेरिका से स्पेशल ऑपरेशन के लिए लाया गया सी 130 के लैडिंग से इस अभ्यास की शुरुआत हुई। परिवहन विमान से ही निकलकर वायुसेना के गरुड़ कमांडो ने अपना जौहर दिखाया।

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इसके बाद दुश्मन के इलाके में घुसकर और काफी नीचे तक मार करने वाले तीन जगुआर, करगिल जंग में पाकिस्तान घुसपैठियों के छक्के छुड़ाने वाले 6 मिराज 2000 और वायुसेना का सबसे खतरनाक और हर तरह के रोल में फिट 6 सुखोई 30 जमीन को छूकर उड़ गए।

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वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने न केवल टच डाउन करेंगे बल्कि फोर्मेशन में उड़ान भरते हुए हवाई करतब भी दिखाए। 


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