पाक की गोलाबारी जारी, खाली कराए जाएंगे 13 गांव
पिछले कई दिनों से पाकिस्तान की गोलाबारी का निशाना बन रहे परगवाल के सीमावर्ती गांवों के लोगों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने का फैसला कर लिया है। सीमा के बिलकुल नजदीक बसे तेरह गांवों के लोगों को पहले चरण में पगरवाल स्थित सरकारी स्कूलों, पटवारखाने, नयाबत आदि को अस्थाई शिविर में लाने की तैयारी कर ली है। कुछ लोग खुद ही अपने घर-बार छोड़ कर सुरक्षित स्थान पर पलायन कर गए हैं। दहशत का आलम यह है कि कोई भी अपने घर में रहना नहीं चाह रहा ह
अखनूर, जागरण संवाददाता। पिछले कई दिनों से पाकिस्तान की गोलाबारी का निशाना बन रहे परगवाल के सीमावर्ती गांवों के लोगों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने का फैसला कर लिया है। सीमा के बिलकुल नजदीक बसे तेरह गांवों के लोगों को पहले चरण में पगरवाल स्थित सरकारी स्कूलों, पटवारखाने, नयाबत आदि को अस्थाई शिविर में लाने की तैयारी कर ली है। कुछ लोग खुद ही अपने घर-बार छोड़ कर सुरक्षित स्थान पर पलायन कर गए हैं। दहशत का आलम यह है कि कोई भी अपने घर में रहना नहीं चाह रहा है। पाकिस्तान की ओर से सीमावर्ती गांवों तथा सेना और बीएसएफ की अग्रिम चौकियों को निशाना बना कर मोर्टार तथा राकेट दागने का सिलसिला बृहस्पतिवार को भी जारी रहा। पाकिस्तान ने आरएसपुरा के चंदूचक्क, खोरोदाना खुर्द, ट्यूबवेल नंबर पांच सहित भारत की 12 चौकियों पर ताबड़तोड़ गोलाबारी शुरू कर दी, जो देर रात तक जारी रही। इसमें नौ लोग घायल हो गए।
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बृहस्पतिवार को एसडीएम अखनूर तथा कई अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने परगवाल कस्बे के लोगों को ठहराने की व्यवस्था का जायजा लिया। फिलहाल गोलाबारी से अधिक प्रभावित हो रहे तेरह गांवों को चिन्हित किया गया है। यहां के लोगों को ठहराने के लिए परगवाल गांव में संपूर्ण व्यवस्था है। प्रशासन ने पलायन कर आने वाले लोगों को राशन मुहैया करवाने के निर्देश जारी कर दिए हैं, जबकि अस्थाई शिविर में बिजली, पानी की व्यवस्था करने के निर्देश भी संबंधित विभागों को दे दिए गए हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री भी प्रभावित इलाकों का जायजा लेने पहुंच सकते हैं। हालांकि इस पर अंतिम फैसला क्षेत्र के हालात को देखने के बाद ही लिया जाएगा।
उधर अमूमन रात के समय भारतीय चौकियों और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाने वाली पाकिस्तानी सेना ने बृहस्पतिवार को शाम होते ही गोलाबारी तेज कर दी। कई रॉकेट और मोर्टार शेल अखनूर के गड़खाल और जम्मू के कानाचक्क में लोगों के आंगन में गिरे। इसमें पांच महिलाएं और दो बच्चों सहित नौ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को जम्मू के राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। देर शाम तक सीमा पार से गोलाबारी जारी रही। भारत ने भी पाकिस्तान को माकूल जवाब दिया।
पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को शाम छह बजे ही गोलाबारी शुरू कर सीमांत लोगों को संकेत दे दिए कि आज की रात और मुश्किल होगी। सीमा पार से गड़खाल, सिदरवां पोस्ट व कानाचक्क को निशाना बनाते हुए 82 एमएम के पांच मोर्टार दागे गए। देर शाम पाक गोलाबारी और तेज होने पर कुछ लोगों ने इलाका खाली करना ही बेहतर समझा।
इससे पूर्व बुधवार रात को परगवाल और आरएसपुरा में पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी न होने से लोगों को कुछ राहत मिली थी। जबकि सांबा के रामगढ़ व जम्मू के निक्की तवी में सीमा सुरक्षाबल की अग्रिम चौकियों को पाकिस्तान ने मोर्टार, रॉकेट व अन्य स्वचलित हथियारों से निशाना बनाया। रामगढ़ के नंगा गांव में भी रात एक बजे पाकिस्तान की ओर से मोर्टार के दो शेल दागे गए। एक सीमा सुरक्षाबल की 200 बटालियन की कंपनी की बैरक पर गिरा, जिससे बैरक को क्षति पहुंची। बृहस्पतिवार सुबह नंगा गांव के लोग पलायन कर रामगढ़ पहुंच गए।
वायु सेना भी अलर्ट
जम्मू। सीमा पर युद्ध थोपने में जुटे पाकिस्तान की नापाक हरकतों को देखते हुए भारतीय वायुसेना को भी अलर्ट कर दिया गया है। हालांकि, इसे रूटीन की कसरत बताया जा रहा है। वायुसेना के हेलीकॉप्टर सर्च लाईट से जमीन पर नजर रख रहे हैं। बृहस्पतिवार देर शाम को सतवारी क्षेत्र में सर्च लाईट वाले वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर को खासे लोगों ने देखा।
उधर सीमा पार पाकिस्तानी चौकियों में सेना के जवानों की मौजूदगी बढ़ रही है। ऐसे में गृह मंत्रालय के साथ स्थिति पर पूरी नजर रखे रक्षा मंत्रालय भी जम्मू-कश्मीर में सेना, वायुसेना से लगातार संपर्क में है।
सेना के साथ राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में तैनात वायुसेना के छह एयरफोर्स स्टेशनों के विभिन्न स्क्वार्डन भी इस समय स्थिति पर पूरी नजर रखने के साथ लगातार वह ड्रिल कर रहे हैं, जो युद्ध को ध्यान में रखते हुए की जाती है।
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