Move to Jagran APP

उत्तर भारत पर मानसून की तिरछी नजर

उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में मानसून का गहरा प्रभाव जारी है, हालांकि तापमान में भी हल्की और आ‌र्द्रता में तेज बढ़ोतरी देखी जा रही है। राजधानी नई दिल्ली में हल्की बारिश के बावजूद मौसम में तेज उमस रही और आ‌र्द्रता का उच्चतम प्रतिशत

By Edited By: Published: Thu, 31 Jul 2014 08:51 AM (IST)Updated: Thu, 31 Jul 2014 10:31 AM (IST)
उत्तर भारत पर मानसून की तिरछी नजर

नई दिल्ली, जेएनएन। उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में मानसून का गहरा प्रभाव जारी है, हालांकि तापमान में भी हल्की और आ‌र्द्रता में तेज बढ़ोतरी देखी जा रही है।

loksabha election banner

राजधानी दिल्ली में हल्की बारिश के बावजूद मौसम में तेज उमस रही और आ‌र्द्रता का उच्चतम प्रतिशत 89 दर्ज किया गया। राजधानी का अधिकतम तापमान 38.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।

पंजाब और हरियाणा में दो दिन पूर्व हुई बारिश के बाद तापमान में बेहद मामूली बढ़त दर्ज की गई है। हरियाणा के अंबाला में अधिकतम तापमान में 35.9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। पंजाब में सबसे अधिक तापमान पटियाला में 35.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटों में हल्की से सामान्य वर्षा देखी गई। बारिश का असर पूर्वी उत्तर के सुदूर बलिया से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, रामपुर और अमरोहा में भी रहा। गंगा के जलस्तर में वृद्धि के साथ ही उत्तर प्रदेश के कई गांवों में कटान तेज हो गई है।

फर्रुखाबाद में गंगा के जलस्तर में वृद्धि के साथ ही कटरी के कई गांवों में कटान तेज हो गया है। बुधवार को गंगा का जलस्तर बढ़कर 136.5 मीटर पर पहुंच गया। वहीं रामगंगा में पानी घटकर 134.95 मीटर पर आ गया है।

वाराणसी सहित मीरजापुर, गाजीपुर और बलिया में गंगा का जलस्तर धीमी गति से बढ़ रहा है। गंगा में धीमे बढ़ाव से अभी कहीं भी चिंता नहीं महसूस की गई अलबत्ता वाराणसी में कई पक्के घाटों का आपसी संपर्क सीढि़यों पर पानी चढ़ जाने से टूट गया है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक बुधवार की शाम वाराणसी में जलस्तर करीब 63 मीटर तक पहुंच गया था। यहां चेतावनी बिंदु 70 मीटर निर्धारित है। दूसरी ओर आजमगढ़, मऊ और बलिया में घाघरा की बाढ़ स्थिर हो गई है। उधर राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर और चित्तौड़गढ़ में भी हल्की बारिश दर्ज की गई।

छत्तीसगढ़ के मालवा क्षेत्र में हो रही बारिश से सिंध नदी में अचानक उफान आ गया। बुधवार को सुबह 11 बजे के करीब शिवपुरी से 70 यात्रियों को भरकर रवाना हुई बस अचानक आए तेज बहाव में रपटे में फंस गई, जिससे 70 यात्रियों की जान सांसत में बनी रही। रपटे पर 3 से 3.50 फीट ऊपर बहने लगा। हालांकि सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया।

हिमाचल प्रदेश में बुधवार को भी बारिश का सिलसिला जारी रहा, जिसके कारण हुए भूस्खलन से कुछ राष्ट्रीय राजमार्ग व संपर्क मार्ग बाधित रहे। सड़कों पर फिसलन बढ़ने से वाहन चालकों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।

शिमला में भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण भवनों को खतरा पैदा हो गया। कुल्लू जिले में भारी बारिश से बुधवार को सुबह के समय राहली नाला में भूस्खलन के कारण घंटों मार्ग बाधित रहा। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले एक सप्ताह में प्रदेश के मध्यम ऊंचाई और मैदानी इलाकों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।

पढ़ें: बारिश भी नहीं दिला सकी उमस से निजात

पढ़ें: मानसून में सुधार, अगस्त में होगी अच्छी बारिश


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.