मोहनलालगंज कांड: फोरेंसिक रिपोर्ट में महिला से सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि
यूपी पुलिस का सबसे बड़ा झूठ कल खुल गया। लखनऊ के मोहनलालगंज में महिला की दरिंदगी से हत्या के मामले में कल आईं दो फोरेंसिक जांच रिपोर्ट के बाद पुलिस की कहानी तार-तार हो गई। रिपोर्ट में महिला से सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि हुई है तथा उसके नाखून में एक से अधिक मनुष्य की कोशिकाएं पाई गई हैं। रिपोर्ट ने अब तक किए गए
लखनऊ। यूपी पुलिस का सबसे बड़ा झूठ कल खुल गया। लखनऊ के मोहनलालगंज में महिला की दरिंदगी से हत्या के मामले में कल आईं दो फोरेंसिक जांच रिपोर्ट के बाद पुलिस की कहानी तार-तार हो गई। रिपोर्ट में महिला से सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि हुई है तथा उसके नाखून में एक से अधिक मनुष्य की कोशिकाएं पाई गई हैं। रिपोर्ट ने अब तक किए गए पुलिस के दावों को झुठला दिया है। हालांकि डीआइजी नवनीत सिकेरा फोरेंसिक रिपोर्ट मिलने की बात से इन्कार कर रहे हैं।
मोहनलालगंज कांड में पुलिस ने गार्ड रामसेवक को गिरफ्तार कर दावा किया था कि उसने दुष्कर्म के प्रयास में यह दुस्साहसिक वारदात की थी। पुलिस ने यह भी दावा किया था कि रामसेवक ने अकेले ही वारदात को अंजाम दिया। उसने हेलमेट व बाइक की चाबी से हमला कर महिला को लहूलुहान कर दिया था। अत्याधिक रक्तस्त्राव से महिला की मौत हो गई। पुलिस ने रामसेवक यादव के खिलाफ पर्याप्त फोरेंसिक व इलेक्ट्रानिक साक्ष्य होने का दावा भी किया था।
कल राज्य फोरेंसिक साइंस लैब, महानगर से दो रिपोर्ट पुलिस को भेजी गईं। लैब के निदेशक आरबी उपाध्याय का कहना है कि कल भी पुलिस ने कुछ नमूने जांच के लिए भेजे हैं जिनकी रिपोर्ट अगले सप्ताह तक सौंपी जाएगी। हालांकि उन्होंने गोपनीयता का हवाला देते हुए जांच रिपोर्ट के बारे में कुछ कहने से इन्कार कर दिया।
सूत्रों का कहना है कि फोरेंसिक रिपोर्ट में महिला के नाखून में मिक्स्ड प्रोफाइल पाया गया है। यानी उसके नाखून में एक से अधिक व्यक्ति की कोशिकाएं हैं। इससे अब घटनास्थल पर एक से अधिक व्यक्ति के मौजूद होने की आशंका और प्रबल हो गई है। दूसरी ओर डीआइजी नवनीत सिकेरा भी फोरेंसिक जांच रिपोर्ट मिलने की जानकारी होने से इन्कार कर रहे हैं।
साक्ष्यों के लिए भटक रही पुलिस
महिला से दरिंदगी के मामले में पुलिस जल्दबाजी में घटना का राजफाश करने के बाद अब कहानी को साबित करने के लिए साक्ष्य की तलाश में भटक रही है। पुलिस महिला का मोबाइल फोन, फर्जी आइडी पर लिया गया सिम, वेल्डिंग का काम करने वाले अजीज का मोबाइल फोन जैसे कई अहम साक्ष्य अब तक बरामद नहीं कर सकी है। इनके जरिए ही पुलिस ने आरोपी रामसेवक के अकेले जघन्य वारदात किए जाने का दावा किया था। यही वजह है कि अब अधिकारी बार-बार और वैज्ञानिक साक्ष्यों को जुटाए जाने की बात कहकर मामले से किनारे करने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारी अब कई सवालों के जवाब पर जानकारी न होने की बात भी कहने लगे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पुलिस अपनी कहानी को साबित करने के लिए कुछ अन्य साक्ष्यों को जुटाने की कोशिश में लगी है। आरोपी रामसेवक के बयानों के आधार पर पुलिस ने घटना का राजफाश करने का दावा कर दिया था। पुलिस ने घटना का पर्दाफाश करने से पहले मजबूत होमवर्क क्यों नहीं किया। यह सवाल भी अहम है।