मोहनलालगंज कांड: पुलिस के कई झूठ उजागर
लखनऊ। मोहनलालगंज में महिला से दरिंदगी की घटना के राजफाश में पुलिस की कहानी का एक और तथ्य सवालों के घेरे में है। लखनऊ पुलिस ने आरोपी रामसेवक यादव को गिरफ्तार कर दावा किया था कि महिला निर्माणाधीन अपार्टमेंट में एक-दो बार फ्लैट देखने गई थी, लेकिन अपार्टमेंट के प्रोजेक्ट मैनेजर रोशन अब्बास इससे इन्कार कर रहे ह
लखनऊ। मोहनलालगंज में महिला से दरिंदगी की घटना के राजफाश में पुलिस की कहानी का एक और तथ्य सवालों के घेरे में है। लखनऊ पुलिस ने आरोपी रामसेवक यादव को गिरफ्तार कर दावा किया था कि महिला निर्माणाधीन अपार्टमेंट में एक-दो बार फ्लैट देखने गई थी, लेकिन अपार्टमेंट के प्रोजेक्ट मैनेजर रोशन अब्बास इससे इन्कार कर रहे हैं। उनका कहना है कि महिला कभी उनके अपार्टमेंट में नहीं आई।
सवाल है कि रामसेवक के बयान के आधार पर पुलिस ने सबसे पहले अपार्टमेंट के अधिकारियों से पूछताछ क्यों नहीं की। अगर वह अब मना कर रहे हैं तो पुलिस को भी यही जवाब देते। पुलिस बिल्डर व कर्मचारियों से सीधे पूछताछ कर उसे अपने दस्तावेजों में दर्ज करने से क्यों कतरा रही है। अगर अपार्टमेंट के प्रोजेक्ट मैनेजर की बात सच है तो पुलिस ने महिला के अपार्टमेंट में जाने की कहानी क्यों गढ़ी। पुलिस ने अपने प्रेसनोट में भी महिला के अपार्टमेंट में जाने जिक्त्र है। जिसमें यह भी दर्ज है कि महिला ने गार्ड रामसेवक से उसे किराये के मकान के संबंध में बताने की बात कही थी। सवाल यह भी है कि जिस अपार्टमेंट में महिला के फ्लैट देखने जाने की बात कही जा रही है, उसका निर्माण कार्य पूरा होने में करीब एक साल का वक्त और लगेगा। महिला के जानने वाले बताते हैं कि उसकी हैसियत भी इस अपार्टमेंट में फ्लैट बुक कराने की नहीं थी।
पीजीआइ क्षेत्र में निर्माणाधीन अपार्टमेंट मिनारेट्स बिल्डर्स एंड डेवलपर्स प्रा.लिमिटेड का है, जिसके मालिक मूलरूप से आजमगढ़ निवासी इमरान अहमद बताए जा रहे हैं। रोशन के मुताबिक कंपनी के मुख्य संचालक इमरान अहमद हैं। उनका साला अब्दुल्ला खान अपार्टमेंट का साइट इंचार्ज है और वहीं पूरा कामकाज देखता है। मुख्य रूप से दिल्ली में बेस करने वाली इमरान अहमद की कंपनी का रायबरेली रोड स्थित अपार्टमेंट लखनऊ में पहला प्रोजेक्ट है। उनका कहना है अब्दुल्ला खान किसी काम से दिल्ली गए हैं। महिला उनके अपार्टमेंट में फ्लैट देखने कभी नहीं आई। इमरान अहमद एक वरिष्ठ मंत्री के करीबी बताए जाते हैं। इमरान यहां गोमतीनगर में रहते हैं।
एक वर्ष से ही काम कर रहा था गार्ड
रोशन के अनुसार आरोपी गार्ड रामसेवक करीब एक साल से काम कर रहा था। उसकी ड्यूटी सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक होती थी। रात में दो अन्य गार्ड ड्यूटी पर रहते थे। रामसेवक अपने भाई की उमा सिक्योरिटी एजेंसी, दुब्बगा में काम करता था। वह पहले भी यहां काम करता था लेकिन बाद में दूसरी सिक्योरिटी एजेंसी के गार्ड रखे गए थे। दूसरी ओर पुलिस का कहना था कि रामसेवक यहां पांच साल से ड्यूटी कर रहा था। डीआइजी नवनीत सिकेरा ने यह भी कहा था कि गार्ड का बीते करीब दो सालों से महिला से एक तरफा आकर्षण था।
एक किलोमीटर पैदल क्यों गई थी महिला
दरिंदगी का शिकार हुई महिला जहां किराये के मकान में रहती थी, वहां से पीजीआइ गेट की दूरी करीब एक किलोमीटर है। सवाल यह भी है कि आखिर महिला घर से 16 जुलाई की रात इतनी दूर पैदल क्यों गई, जहां से उसने टेंपो से मोहनलालगंज का सफर तय किया। उसने फोन करने वाले राजीव को उसे लेने आने का दबाव क्यों नहीं बनाया।