विजय शंखनाद महारैली में बोले मोदी, नेताजी ने तो हार मान ली
लखनऊ। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने रविवार को सपा मुखिया मुलायम सिंह को जमकर ललकारा और यह सलाह भी दे डाली कि वह डा.राममनोहर लोहिया का नाम लेना बंद कर दें। उनका कहना था, 'नेताजी' ने चुनाव से पहले ही हार मान ली, अब गुजरात को लेकर झूठ फैला रहे हैं। लोकसभा चुनाव के समीकरण साधने को उन्होंने दलित पिछड़ा कार्ड चला और आने वाले दस सालों में बड़े बदलाव के संकेत दिए।
लखनऊ। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने रविवार को सपा मुखिया मुलायम सिंह को जमकर ललकारा और यह सलाह भी दे डाली कि वह डा.राममनोहर लोहिया का नाम लेना बंद कर दें। उनका कहना था, 'नेताजी' ने चुनाव से पहले ही हार मान ली, अब गुजरात को लेकर झूठ फैला रहे हैं। लोकसभा चुनाव के समीकरण साधने को उन्होंने दलित पिछड़ा कार्ड चला और आने वाले दस सालों में बड़े बदलाव के संकेत दिए।
राजधानी के विशालतम रमाबाई मैदान में हुई विजय शंखनाद महारैली में मोदी के तेवर अलग दिखे। उन्होंने शेर पढ़ा, कविता सुनाई व लखनऊवासियों के दर्द को भी सहलाया। बोले, तहजीब का शहर तहबाजारियों का शहर हो चुका है। कहा, अगर देश की तकदीर बदलनी है तो शुरुआत लखनऊ से हो। आमतौर पर बसपा की रैलियों के लिए माने जाने वाले रमाबाई मैदान में किसी अन्य दल की यह पहली रैली थी। सुबह से सुनहरी धूप खिलने से मौसम भी खुशगवार रहा। मंच पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भव्य चित्र था।
सपा प्रमुख मोदी के खास निशाने पर रहे। करीब 40 मिनट के भाषण में मोदी ने 26 बार 'नेताजी' संबोधन के साथ उनकी व सपा सरकार की खामियां गिनायीं। उनका कहना थारैलियों में भीड़ जुटाने के मसले पर 'नेताजी' हार मान चुके है और विकास के मुद्दे पर गुजरात के आगे कहीं ठहरते नहीं। उनके बेटे के राज में 100 से ज्यादा दंगे हुए जबकि गुजरात में दस साल में दंगा तो छोड़िए, कर्फ्यू तक नहीं लगा। मोदी ने आंकड़ों के जरिए सपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया। बोले, सपा शासन में अपराध 240 फीसद बढ़े। यहां गुंडों का साम्राज्य है।
मोदी ने कानपुर में जूनियर डाक्टरों पर अत्याचार का हवाला देते हुए कहा कि प्रदेश को कहां से कहां पहुंचा दिया गया। वह आजम खां की भैंस चोरी का जिक्र करना भी नहीं भूले और आम आदमी की सुरक्षा से हो रहे खिलवाड़ पर तंज कसे। आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी में दो खेमे हो गए। एक का नाम है समाज विरोधी पार्टी और दूसरा सुखवादी पार्टी। सपा नेता मौजमस्ती में डूबे हैं जिन्हें देख राम मनोहर लोहिया की आत्मा रो रही होगी।
रविवार को ही इलाहाबाद की रैली में मुलायम द्वारा किए हमलों का एक-एक कर जवाब दिया मोदी ने। सेक्युलरिज्म पर बोले, हमारे 'सेक्युलरिज्म' का मतलब 'इंडिया फर्स्ट' है जबकि उनका 'सेक्युलरिज्म' लोगों को डराना है। मैदान में उमडे़ जनसैलाब से उत्साहित मोदी ने खुली चुनौती दी, वो भी शायराना अंदाज में 'आंधियों की जिद है जहां बिजली गिराने की, मुझमें भी जिद है वहीं आशियां बनाने की..'।
मोदी ने पिछड़े व दलित वोटों को गणित साधने के लिए खुद को पिछड़ा, गरीब व चाय बेचने वाला बताया। उनका कहना था कि आने वाले दस साल पिछड़ों व दलितों के होंगे और बड़े बदलाव के रहेंगे। मोदी ने मुस्लिम वोटों पर सपा की हकदारी पर सवाल खड़ा करते हुए गुजरात में हज यात्रियों की संख्या अधिक होने और आय ज्यादा होने का तर्क दिया।