ग्रामीण क्षेत्रों में निकल रही नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता की हवा!
क्या अच्छे दिनों का सपना दिखाकर प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता गिरती जा रही है? ग्रामीण भारत की स्थिति और किसानों का रुख देखकर तो यही लग रहा है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में बताया गया है कि मोदी सरकार के एक साल से कम के कार्यकाल में
नई दिल्ली। क्या अच्छे दिनों का सपना दिखाकर प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता गिरती जा रही है? ग्रामीण भारत की स्थिति और किसानों का रुख देखकर तो यही लग रहा है।
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में बताया गया है कि मोदी सरकार के एक साल से कम के कार्यकाल में एक दर्जन से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली है। बेमौसम बारिश के चलते फसलें बर्बाद हो गई हैं। गरीब जनता अपने प्रधानमंत्री से मदद की आस लगाए बैठी है, लेकिन उसे मायूसी हाथ लग ही है।
एक तो मदद नहीं मिल रही, ऊपर से जमीन अधिग्रहण जैसे किसान विरोधी कानून लाने की कवायद चल रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीणों में गुस्सा है कि मोदी सरकार फसल की कीमत स्थित रखने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। सबसिडी को खत्म किया जा रहा है। सरकार का पूरा ध्यान निवेश पर है।
उत्तर प्रदेश के एक गांव में धर्मेंद्र सिंह अपने भाई बाबू सिंह की मौत का अफसोस जताते हुए कहता है कि हमने मोदी सरकार को वोट दिया था। अब मौसम की गाज गिरी है तो उन्होंने मुंह मोड़ लिया। बाबू सिंह पर आठ लाख का कर्ज था और बारिश के चलते उसकी पांच एकड़ की फसल बर्बाद हो गई।
धर्मेंद्र जैसे सैकड़ों किसान आगे आए हैं और मोदी सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर कर रह हैं। सिसोला खुर्द गांव के जीतेंद्र कुमार का कहना है कि मोदी ने हमें धोखा दिया है। हमने भाजपा सांसदों के गांव में प्रवेश पर रोक लगा दी है।
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साभार- नई दुनिया