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न खाऊंगा न ही किसी को खाने दूंगा: प्रधानमंत्री मोदी

कारगिल। एक परियोजना उद्घाटन में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विस्थापित कश्मीरी पंडितों, पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थियों और आतंकी घटनाओं में मारे गए परिजनों के कल्याण के लिए कार्य करने का वादा किया। इसके साथ ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी बोलते हुए उन्होंने कहा कि 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा

By Edited By: Published: Tue, 12 Aug 2014 06:31 PM (IST)Updated: Tue, 12 Aug 2014 06:01 PM (IST)
न खाऊंगा न ही किसी को खाने दूंगा: प्रधानमंत्री मोदी

कारगिल। एक परियोजना उद्घाटन में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विस्थापित कश्मीरी पंडितों, पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थियों और आतंकी घटनाओं में मारे गए परिजनों के कल्याण के लिए कार्य करने का वादा किया। इसके साथ ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी बोलते हुए उन्होंने कहा कि 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा' इसका मतलब है कि न तो मैं किसी से रिश्वत लूंगा और न ही किसी को लेने दूंगा।

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44 मेगा वॉट पावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन करने पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के हालात पर चर्चा करते हुए कहा कि आज यहां के करीब 20 प्रतिशत जनसंख्या विस्थापित है। हमारा उद्देश्य है कि इन्हें स्थापित करना और इनको आवास मुहैया कराना। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार इस 20 प्रतिशत जनसंख्या को दोबारा से स्थापित करने को लेकर प्रतिबद्ध है क्योंकि यही जनता भविष्य में प्रदेश के कल्याण में सहायक होगी। उन्होंने कहा कि दो लाख से अधिक पश्चिमी पाकिस्तान से शरणार्थी, करीब एक लाख लोग विस्थापित हैं जिनमें चार लाख से अधिक कश्मीरी पंडित हैं और आठ से दस लाख लोग ऐसे हैं जिन्होंने आतंकी घटनाओं में अपने परिजनों को खो दिया। ये सभी हमारे भाई-बहन हैं और हमें इनके बारे में सोचना चाहिए।

साथ ही मोदी ने कहा कि पिछली सरकार ने इन 20 लाख विस्थापित लोगों की गरीमा और आत्म सम्मान को सुनिश्चित करने में उदासीनता दिखाई। परंतु अब वो दिन जा चुके हैं। मोदी ने जम्मू-कश्मीर से विस्थापित हर प्रकार के लोगों को भाई-बहन और परिवार बताया। कहा, उनके दुख-सुख हमारे हैं। इनका विकास हमारा संकल्प है।

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