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प्रधानमंत्री मोदी मई में सड़क मार्ग से जाएंगे चीन

पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारने को सरकार के एजेंडे में ऊपर रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 मई से पहले चीन की यात्रा करेंगे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से दो घंटे लंबी मुलाकात के बाद पत्रकारों को यह जानकारी दी।

By Sachin kEdited By: Published: Mon, 02 Feb 2015 12:32 AM (IST)Updated: Mon, 02 Feb 2015 10:46 AM (IST)
प्रधानमंत्री मोदी मई में सड़क मार्ग से जाएंगे चीन

बीजिंग। पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारने को सरकार के एजेंडे में ऊपर रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 मई से पहले चीन की यात्रा करेंगे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से दो घंटे लंबी मुलाकात के बाद पत्रकारों को यह जानकारी दी।

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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राजग सरकार का एक साल पूरा होने से पहले चीन की यात्रा करेंगे। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के तौर पर पहली बार चीन जाने वाले मोदी सिक्किम के नाथु ला से होते हुए नए यात्रा मार्ग से कैलास जाएंगे। सुषमा-यी बातचीत के बाद दोनों देशों के अधिकारियों ने कैलास मानसरोवर यात्रा का नया रास्ता खोलने को लेकर दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया।

यी के साथ मुलाकात के दौरान सुषमा ने आपसी रिश्तों पर विस्तार से चर्चा की। इस मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा का मुद्दा नहीं उठा। सुषमा ने कहा कि भारत के अमेरिका, जापान, वियतनाम, और चीन के साथ अलग-अलग रिश्ते हैं। यी ने भी कहा कि दोनों देश स्वतंत्र विदेश नीति का पालन करते हैं।

सीमा विवाद हल करने के लिए भारत प्रतिबद्ध
सुषमा ने कहा कि चीन के साथ जारी सीमा विवाद को जल्द हल करने के लिए भारत प्रतिबद्ध है। अपनी चार दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन भारत-चीन मीडिया फोरम की बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि चीन आज भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है। दोनों एक-दूसरे के देश में निवेश बढ़ा रहे हैं। गत आठ महीने का रिकॉर्ड इस बात का सुबूत है कि भारत में तेजी से बदलाव जारी हैं।

यह आधुनिक हिंदुस्तान बनाने की हमारी यात्रा को तेज करेगा। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच संबंधों को और विकसित करने के लिए सीमा पर शांति व संयम बरतना पहली शर्त है। सीमा विवाद के निपटारे को हमारी सरकार इसके जल्द समाधान के प्रति वचनबद्ध है। बकौल सुषमा, भारत-चीन के बीच संबंध द्विपक्षीय रिश्तों से आगे बढ़ गए हैं। दोनों देश अब ब्रिक्स और बेसिक जैसी बहुपक्षीय इकाइयों का हिस्सा हैं। एक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए सुषमा ने उनसे स्वच्छ भारत, निर्मल गंगा और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों में शामिल होने की अपील की।

रिश्तों का नया मॉडल
1- दोनों देशों को परिणामोन्मुखी कार्ययोजना बनाना चाहिए।
2- व्यापक आधार वाले द्विपक्षीय रिश्ते हों।
3- सामान्य, क्षेत्रीय और वैश्विक हितों को साथ लेकर एक साथ चलें।
4- सहयोग के नए क्षेत्रों का विकास करें।
5- रणनीतिक संवाद का दायरा बढ़ाएं।
6- एशियाई सदी का लक्ष्य पाने की साझा इच्छा पूरी करें।

प्रोटोकॉल तोड़ सुषमा से मिलेंगे चीनी राष्ट्रपति

भारत-चीन रिश्तों को अहमियत देते हुए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग प्रोटोकॉल तोड़कर सोमवार को सुषमा स्वराज से मुलाकात करेंगे। गौरतलब है कि चीनी राष्ट्रपति अपने देश आए किसी विदेश मंत्री से शायद ही मिलते हैं।

बस से जा सकेंगे कैलास
सुषमा ने बताया कि यात्रा के संचालन के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि चीन की उनकी पहली यात्रा कैलास मानसरोवर के लिए अतिरिक्त मार्ग खोलने पर भी केंद्रित है। इसके लिए तैयारियां जारी हैं। यह एक बड़ी बात है। नया मार्ग इतना सुविधाजनक होगा कि तीर्थयात्री बस से भी कैलास जा सकेंगे। इस साल ढाई सौ लोग पांच जत्थे में नए मार्ग से कैलास जाएंगे, जबकि नौ सौ लोग पुराने रूट से ही यात्रा करेंगे।

पढ़ेंः सुषमा के दौरे को बहुत महत्वपूर्ण मान रहा चीन


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