शरीफ-पुतिन व रुहानी से मिलेंगे मोदी
रूस के शहर ऊफा में ब्रिक्स व शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के हिस्सा लेने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई अहम द्विपक्षीय बैठक करेंगे। मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ संभावित बैठक पर सारी दुनिया की नजरें हैं। मोदी रूसी राष्ट्रपति
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रूस के शहर ऊफा में ब्रिक्स व शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के हिस्सा लेने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई अहम द्विपक्षीय बैठक करेंगे। मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ संभावित बैठक पर सारी दुनिया की नजरें हैं। मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रौसेफ समेत कुछ अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों संग भी द्विपक्षीय बैठक करेंगे। वह ईरानी राष्ट्रपति हसन रुहानी से पहली बार द्विपक्षीय वार्ता भी कर सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, चिनफिंग और मोदी के बीच द्विपक्षीय बैठक होनी तय है। इसमें मोदी की ओर से मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी को सजा दिलाने पर पाकिस्तान को घेरने की कोशिशों का, बीजिंग की ओर से किए गए विरोध का मुद्दा उठाया जाएगा। लखवी के खिलाफ कार्रवाई करने में आनाकानी कर रहे पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में हाल ही में लाए गए भारत के प्रस्ताव पर चीन ने वीटो कर दिया था। भारत ने इस पर नाराजगी जताते हुए इसे उच्चस्तर पर उठाने की बात कही थी।
मई 2015 में चीन यात्रा के दौरान मोदी चिनफिंग से मिले थे। उसके बाद अब दोनों के बीच यह पहली बैठक होगी। इसमें चीन की अगुआई में स्थापित हो रहे एशिया इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक (एआइआइबी) को लेकर चर्चा होगी, क्योंकि भारत इसमें शामिल होने को राजी है। मोदी और चिनफिंग 8 से 10 जुलाई के दौरान ब्रिक्स और एससीबी की शीर्ष बैठक में हिस्सा लेंगे।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि शरीफ संग बैठक पर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री को करना है, लेकिन दोनों की मुलाकात होना लगभग तय है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भी शरीफ-मोदी के बीच द्विपक्षीय स्तर की बैठक होने की संभावना से इन्कार नहीं किया है। शरीफ के अलावा मोदी की सबसे अहम बैठक पुतिन से होनी है। इसमें खासतौर पर परमाणु ऊर्जा में सहयोग का मुद्दा उठेगा। अगले कुछ महीनों में मोदी रूस का दौरा भी करेंगे।
इसके अलावा ऊफा में ईरानी राष्ट्रपति हसन रुहानी से पहली बार उनकी द्विपक्षीय वार्ता हो सकती है। दरअसल, ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के चलते भारत-ईरान रिश्तों में खटास आई है। अब जबकि अमेरिकी प्रतिबंध ढीले हो रहे हैं, दोनों आपसी रिश्तों में नई गर्मजोशी भरने की कोशिश करेंगे।
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