शपथ से पहले काम में जुटे मोदी, आला अधिकारियों में मची खलबली
शपथ ग्रहण कर केंद्र की कमान संभालने से पहले ही नरेंद्र मोदी ने सरकार के कामकाज पर नजर रखनी शुरू कर दी है। सोमवार को मोदी ने केंद्रीय गृह सचिव को तलब कर आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मसलों पर जानकारी हासिल की। इससे पहले कैबिनेट सचिव रविवार को मोदी से मिले थे। मोदी ने कैबिनेट सचिव से सरकार की उपलब्धियों की जगह खाि
नई दिल्ली, जाब्यू। शपथ ग्रहण कर केंद्र की कमान संभालने से पहले ही नरेंद्र मोदी ने सरकार के कामकाज पर नजर रखनी शुरू कर दी है। सोमवार को मोदी ने केंद्रीय गृह सचिव को तलब कर आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मसलों पर जानकारी हासिल की। इससे पहले कैबिनेट सचिव रविवार को मोदी से मिले थे। मोदी ने कैबिनेट सचिव से सरकार की उपलब्धियों की जगह खामियां गिनाने को कहा है। भावी प्रधानमंत्री की इस सक्रियता से सरकार के आला अधिकारियों में खलबली मच गई है। इनके अलावा सोमवार को खुफिया ब्यूरो के पूर्व निदेशक अजीत डोभाल ने भी भावी पीएम से भेंट कर देश के समक्ष मौजूद सुरक्षा चुनौतियों के बारे में बताया। डोभाल को मोदी सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पद की दौड़ में आगे हैं।
नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गृह सचिव अनिल गोस्वामी को बुलाकर आंतरिक सुरक्षा के हालात की जानकारी ली। 15 मिनट की बैठक में गृह सचिव ने गृह मंत्रालय के मातहत आने वाले विभागों से जुड़े अहम मुद्दों से नरेंद्र मोदी को अवगत कराया और इसके साथ ही आंतरिक सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए तत्काल उठाए जाने वाले कदमों के बारे में भी बताया।
सरकार के कामकाज के मामले में एकदम अपडेट रहने के आदी नरेंद्र मोदी ने रविवार को ही कैबिनेट सचिव से मुलाकात में स्पष्ट कर दिया था कि उन्हें जल्द से जल्द सरकार के कामकाज की विस्तार से जानकारी चाहिए। कैबिनेट सचिव से यह जानकारी सोमवार शाम तक उपलब्ध कराने को कहा गया था। सूत्र बताते हैं कि भावी प्रधानमंत्री की मंशा भांपकर कैबिनेट सचिव ने रविवार को ही सभी मंत्रालयों के सचिवों को सोमवार दोपहर तक सारी जानकारी उन तक पहुंचाने का निर्देश दे दिया था।
बताया जा रहा है कि कैबिनेट सचिव को जानकारी देने के लिए तैयार किए जाने वाले प्रजेंटेशन में क्या शामिल किया जाए क्या नहीं, इसका बिंदुवार ब्योरा तक दिया गया था। वैसे भी कैबिनेट सचिवालय भावी प्रधानमंत्री के लिए इस तरह का प्रजेंटेशन पिछले एक सप्ताह से तैयार करने में जुटा था। लेकिन मोदी की तरफ से प्रजेंटेशन के स्पष्ट निर्देश आने के बाद आनन फानन में सोमवार दोपहर तक मोदी के लिए नया प्रजेंटेशन तैयार किया गया।
नए प्रजेंटेशन में सिर्फ 18 से 20 स्लाइड लगाए गए हैं। जबकि पुराने प्रजेंटेशन में इससेकहीं अधिक स्लाइड थीं। कैबिनेट सचिवालय के निर्देश पर भेजे गए नए प्रजेंटेशन में मोदी की इच्छा के अनुरूप जानकारियां शामिल की गई हैं। सभी सचिवों को अपने मंत्रालय के बारे में स्लाइड के मार्फत बताना है कि संप्रग सरकार के पिछले पांच सालों के दौरान जो कुछ किया गया, उसमें से ऐसा क्या है जो नहीं किया जाना चाहिए था? दूसरा, अगर आपके (सचिव) पास सारे अधिकार होते तो इन मामलों में आप खुद क्या निर्णय लेते? तीसरा, अगले पांच सालों के दौरान सरकार को अब क्या करना चाहिए? केंद्र की सत्ता संभालने से पहले ही मोदी ने इन सवालों को टटोलते हुए प्रजेंटेशन तैयार कर कैबिनेट सचिवालय को भेज दिया गया है।
सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह पहला अवसर है, जब प्रधानमंत्री के पद की औपचारिक शपथ लेने के पहले ही किसी नेता ने काम शुरू कर दिया हो। इससे यह साफ हो गया कि मोदी के लिए आंतरिक सुरक्षा कितनी अहमियत रखती है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार गृह सचिव ने भावी प्रधानमंत्री को नक्सल, जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर के राज्यों की सुरक्षा स्थिति के बारे में बताया। गृह सचिव का कहना था कि आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को मजबूत करना जरूरी है। इसके लिए उन्होंने उठाए जाने वाले जरूरी कदमों की रूपरेखा भी सामने रखा। वहीं मोदी ने आंध्रप्रदेश के संसाधनों का विभाजन कर नए राज्य तेलंगाना के गठन की तैयारियों के बारे में जानना चाहा। वहीं मोदी से मुलाकात के बाद अजीत डोभाल ने बताया कि मुझे मुलाकात के लिए बुलाया गया था।
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