सरकार को करना होगा नाकामियों पर भी विचार
यह ठीक है कि भ्रष्टाचार दूर करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए लेकिन वह अभी तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं कर पाई है जिससे उसे विपक्ष की आलोचना ङोलनी पड़ रही है।
रवि शंकर
मोदी सरकार के तीन बरस पूरे हो गए हैं। तीन साल पहले 2014 में मोदी सत्ता पर काबिज हुए थे। इन तीन वर्षो के दौरान देश में काफी कुछ बदला, पर नरेंद्र मोदी के काम करने का जज्बा नहीं बदला। सबका साथ सबका विकास के नारे के साथ सत्ता में आई मोदी सरकार पर तीन साल के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार का कोई दाग नहीं लगा लेकिन पाकिस्तान, कश्मीर, महंगाई, बेरोजगारी और विदेशों से काला धन वापस लाने जैसे मसलों पर कोई सफलता नजर नहीं आई। मोदी सरकार ने नए भारत के निर्माण का संकल्प व्यक्त किया और सरकार की कार्य संस्कृति बदलने तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा उसने कई साहसिक निर्णय लेकर आलोचकों के मुंह बंद कर दिए।
इनमें नोटबंदी, जीएसटी, रेल बजट को आम बजट में मिलाना, बजट पेश करने के समय बदलना तथा पाकिस्तान के विरुद्ध सर्जिकल स्ट्राइक अहम हैं। 1सत्ता संभालते ही ‘ना खाउंगा न खाने दूंगा’ का एलान करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार और कालेधन पर रोक लगाने के लिए न केवल नोटबंदी के जरिये पांच सौ और एक हजार के नोट पर रोक लगाने का ऐतिहासिक और साहसिक कदम उठाया बल्कि बेनामी संपत्ति पर रोक लगाने और रियल एस्टेट कारोबार में पारदर्शिता लाने का कानून बनाया। उनके लगातार प्रयासों से देश नकदी रहित लेनदेन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा।
यह ठीक है कि भ्रष्टाचार दूर करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए लेकिन वह अभी तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं कर पाई है जिससे उसे विपक्ष की आलोचना ङोलनी पड़ रही है। विपक्ष में रहते आधार संख्या का विरोध करती रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सत्ता में आने के बाद आधार को कानूनी जामा पहनाया और पैन कार्ड के साथ अपनी सभी योजनाओं को इससे जोड़ दिया। इसके कारण निजता के हनन और व्यवहारिक दिक्कतों के चलते इसका विरोध हो रहा है और यह मामला उच्चतम न्यायालय में पहुंच गया जहां अभी इस पर अंतिम फैसला आना बाकी है।
सत्ता संभालते ही सरकार ने बड़े जोर-शोर से स्वच्छता मिशन से देश भर में साफ सफाई के प्रति एक आंदोलन खड़ा किया तथा गरीब गुरबे को छत मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना, स्मार्ट सिटी योजना तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाली ग्रामीण महिलाओं को उज्जवला कार्यक्रम के तहत मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन जैसी लोक कल्याणकारी योजनाएं शुरू की। साथ ही देश को विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, मुद्रा और जन धन योजना भी ला गई।
मोदी सरकार ने गरीबों तथा आम आदमी की स्थिति सुधारने के लिए सरकारी नीतियों में फेरबदल कर कई नई नीतियां और योजनाएं बनायी जिनमें नई स्वास्थ्य नीति, सस्ते हवाई सफर के लिए उड़ान योजना और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति शामिल हैं। इसके अलावा शिक्षा क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाने के लिए नई शिक्षा नीति बनाने का काम शुरू किया। देश की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से सरकार ने रक्षा नीति को नया स्वरूप दिया। देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने तथा भारत की पहचान रक्षा उत्पाद खरीदने वाले देश के बजाय रक्षा उत्पाद निर्यात करने वाले देश केरूप में निखारने की दिशा में कई पहल की गयी। मेक इन इंडिया योजना के तहत निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने वाले प्रोत्साहन कार्यक्रम लाए गए।
वायु सेना के निरंतर कम होते लड़ाकू विमानों के बेड़े को मजबूती देने के लिए फ्रांस से सरकार के स्तर पर राफेल विमानों की खरीद को अंतिम रूप दिया गया तो करीब तीन दशक बाद सेना को नई तोप मिलने का सिलसिला शुरू हुआ। नौसेना की समुद्री ताकत बढ़ाने के लिए देश में ही पनडुब्बी बनाने की परियोजना शुरू हुई। मोदी सरकार के इन कदमों से मिल रही वाहवाही के बीच सरकार को पाकिस्तान, कश्मीर, महंगाई, बेरोजगारी और विदेश से कालाधन लाने के मद्दों पर लगातार विपक्ष के आरोपों का सामना करना पड़ा। कश्मीर में अपनी कट्टर विरोधी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ सरकार बनाकर भाजपा और मोदी ने एक नई शुरुआत करने का संकेत दिया था लेकिन वहां स्थिति सुधरने की बजाय बिगड़ती चली गईं।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)