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कूटनीतिक हितों पर केंद्र ने अमेरिकी दबाव में घुटने टेके : माकपा

माकपा ने केंद्र सरकार पर कूटनीतिक और आर्थिक हितों पर अमेरिकी दबाव के आगे घुटने टेकने का आरोप लगाया है। मंगलवार को पार्टी के पोलित ब्यूरो ने दावा किया, 'राष्ट्रपति ओबामा की भारत यात्रा का यह नतीजा है कि मोदी सरकार ने आर्थिक और कूटनीतिक दोनों मामलों के कुछ महत्वपूर्ण

By manoj yadavEdited By: Published: Tue, 27 Jan 2015 09:18 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jan 2015 09:24 PM (IST)
कूटनीतिक हितों पर केंद्र ने अमेरिकी दबाव में घुटने टेके : माकपा

नई दिल्ली। माकपा ने केंद्र सरकार पर कूटनीतिक और आर्थिक हितों पर अमेरिकी दबाव के आगे घुटने टेकने का आरोप लगाया है। मंगलवार को पार्टी के पोलित ब्यूरो ने दावा किया, 'राष्ट्रपति ओबामा की भारत यात्रा का यह नतीजा है कि मोदी सरकार ने आर्थिक और कूटनीतिक दोनों मामलों के कुछ महत्वपूर्ण हितों पर घुटने टेक दिए।' इसके अनुसार, '..कुल मिलाकर मोदी सरकार, अमेरिका के साथ मातहत सहयोगी वाले रिश्ते के रास्ते पर चल रही है।'

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पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि संसद में साल 2010 में नागरिक परमाणु जवाबदेही अधिनियम पारित हुआ था। इसका मतलब था कि परमाणु दुर्घटना होने पर मुआवजे और राहत के जरिये भारतीय नागरिकों के अधिकारों की रक्षा हो।

भोपाल गैस त्रासदी से सबक लेते हुए विशेष रूप से परमाणु रिएक्टरों और उपकरणों के आपूर्तिकर्ताओं की जवाबदेही तय की गई थी। लेकिन अब मोदी सरकार ने भारतीय बीमा कंपनियों और भारत सरकार के वित्तीय सहयोग से इंश्योरेंस पूल का गठन कर आपूर्तिकर्ता की जवाबदेही भारत और यहां के करदाताओं पर स्थानांतरित कर दी है।

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