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मोदी सरकार बना रही दवाइयों की बिक्री पर नजर रखने के लिए ई-पोर्टल

हाल ही में हुए एक सर्वे में सामने आया है कि भारत में बेची जाने वाले 3 फीसद दवाइयां तय मानकों पर खरी नहीं उतरती हैं

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 20 Mar 2017 09:07 AM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2017 09:16 AM (IST)
मोदी सरकार बना रही दवाइयों की बिक्री पर नजर रखने के लिए ई-पोर्टल
मोदी सरकार बना रही दवाइयों की बिक्री पर नजर रखने के लिए ई-पोर्टल

 मुंबई। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय देश में दवाइयों की बिक्री को ट्रैक और नियंत्रित करने के लिए एक डिजिटल प्‍लेटफॉर्म बनाने की योजना बना रहा है। मंत्रालय यह कदम इसलिए उठा रहा है कि दवाइयों की गुणवत्ता पर नजर रखी जा सके। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की वेबसाइट पर एक नोटिस के जरिए ई-पोर्टल बनाने की  घोषणा की गई है। साथ ही बताया गया है कि इस ई-पोर्टल का उद्देश्‍य दवा निर्माताओं, थोक विक्रेताओं/ खुदरा विक्रेताओं और मरीजों से लेकर ई-फार्मेसियों तक के बीच पारदर्शी लाना है। 

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बताया जा रहा है कि सभी दवा विक्रेताओं, वितरकों एवं निर्माताओं को ई प्लेटफार्म में अपना पंजीकरण कराना अब जरूरी हो जाएगा। ई प्लेटफार्म मूलत एक पोर्टल होगा। यह पोर्टल सरकार के नियंत्रण में रहेगा। दवा निर्माता कंपनी से लेकर केमिस्ट तक को दवा की बिक्री इसी पोर्टल पर लॉग इन करके करनी होगी। इसी पोर्टल से बिक्री की रशीद कटेगी। इसमें दवा की बिक्री का पूरा ब्योरा देना होगा। कौन सी दवा किस मात्रा में किसको बेची गई, सब लिखना होगा। 
केमिस्ट के लिए यह भी अनिवार्य होगा कि वह दवा लिखने वाले डॉक्टर का भी नाम और रजिस्ट्रेशन नंबर भी लिखे। इस प्रकार जितनी भी दवाएं केमिस्ट बेचेगा उसका रिकॉर्ड इस पोर्टल पर मौजूद रहेगा।
यह 'ट्रैक और ट्रेस' तंत्र रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) को रोकने में कारगर हो सकता है। साथ ही भारत और बाहर के लोगों के लिए इंटरनेट के माध्यम से दवाओं की आपूर्ति को नियंत्रित कर सकता है। वर्तमान में दवा पैक पर बार-कोडिंग केवल निर्यात के लिए किया जाता है, जबकि घरेलू बाजार में बेची गई दवाएं गुणवत्ता जांच के अधीन नहीं होती हैं।
हाल ही में हुए एक सर्वे में सामने आया है कि भारत में बेची जाने वाले 3 फीसद दवाइयां तय मानकों पर खरी नहीं उतरती हैं। सरकार चाहती है कि हर शख्‍स को अच्‍छी दवाइयां मिलें, उसके साथ कोई धोखा ना हो। सरकार 15 अप्रैल तक ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1 9 40 के तहत दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दे सकती है। 

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