एक-दूसरे को असहज नहीं करेंगे मोदी व ट्रंप, 25 को पीएम जाएंगे यूएस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार से शुरू होने वाली पांचवीं अमेरिका यात्रा की तैयारियां अपने अंतिम चरण में है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार से शुरू होने वाली पांचवीं अमेरिका यात्रा की तैयारियां अपने अंतिम चरण में है। पिछले कुछ दिनों के दौरान दोनों देशों के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत में यह सहमति बनी है कि मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच होने वाली पहली मुलाकात में एक-दूसरे को असहज करने वाले मुद्दों को नहीं रखा जाए। ट्रंप प्रशासन की तरफ से भी इस बात के पूरे संकेत दिए जा रहे हैं कि भारत की अहमियत को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति के विचार ओबामा प्रशासन की तरह ही है। भारत इसे सकारात्मक तौर पर ले रहा है।
भारत ने भी आधिकारिक तौर पर इस बात का संकेत दिया है कि मोदी प्रवासी भारतीयों पर अमेरिका में हुए हमले जैसे उन मुद्दों से परहेज कर सकते हैं, जो ट्रंप की स्थिति असहज करे। हां, जहां तक परस्पर रणनीतिक व वाणिज्यिक हितों की बात है तो दोनों नेताओं के बीच होने वाली बातचीत के बाद कुछ बेहद चौंकाने वाली घोषणाएं भी की जा सकती हैं। भारतीय पक्ष इस बात को लेकर खासा उत्साहित है कि पिछले एक हफ्ते के दौरान ट्रंप प्रशासन की तरफ से ठोस संकेत दिए गए हैं कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में भारत के साथ जो समझौते किए गए हैं, वे उनका सम्मान करते हैं। पावर ग्रिड को ७५ करोड़ डॉलर की मदद, भारतीय बिजली कंपनियों को कोयला साफ करने की अत्याधुनिक तकनीक देने, अफगानिस्तान में भारत की भूमिका बढ़ाने संबंधी फैसले इस बात के संकेत हैं।
ट्रंप और मोदी के बीच बैठक में उठने वाले मुद्दों के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने बताया, ''हाल मे अमेरिका में किसी भारतीय पर हमला नहीं हुआ है। पूर्व में जो हमले हुए थे, वे सारे नस्ली नहीं थे। अमेरिकी सरकार ने भी शीर्ष स्तर पर इन हमलों की निंदा की थी और हरसंभव कार्रवाई का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद दोनों नेता जब आपस में बात करेंगे तो उनके बीच कोई भी मुद्दा उठ सकता है।'' पाक को सैन्य मदद पर चिंतायह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान को दिए जाने वाले सैन्य मदद का मुद्दा मोदी उठाएंगे तो बागले का जवाब था, 'अमेरिका व पाकिस्तान के बीच सार्वभौमिक तौर पर किस तरह से रिश्ते हैं, यह उनके बीच का मामला है, लेकिन हमारी चिंता यही है कि जो सैन्य मदद अमेरिका दे रहा है, पाकिस्तान कहीं उसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं करे। हम इस बारे में पहले भी अपनी चिंताओं से उन्हें अवगत कराते रहे हैं और आगे भी कराएंगे।
रोजगार के अवसर पर होगी बात
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह अमेरिका यात्रा पहले की यात्राओं की तरह तड़क-भड़क वाली नहीं होगी। हालांकि मोदी इस बार भी अमेरिकी कंपनियों के सीईओ से अलग से मुलाकात का सिलसिला जारी रखेंगे। इसमें एप्पल, वालमार्ट सरीखी दिग्गज अमेरिकी कंपनियों के सीईओ शामिल होंगे। ये कंपनियां भारत में अपने पैर पसारने में जुटी हैं। इनके साथ मोदी भारत में रोजगार के अवसर पैदा करने के मुद्दे पर बात करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, आर्थिक रिश्तों पर ज्यादा जोर रहेगा। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार के मौजूदा स्तर ११५ अरब डॉलर को बढ़ा कर 500 अरब डॉलर करने के लक्ष्य रखा गया है, लेकिन इसका रोडमैप अभी तैयार नहीं है।