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सार्क सम्मेलन में, नमो-नवाज में दुआ-सलाम भी नहीं

दक्षेस के शिखर सम्मेलन में भी भारत और पाकिस्तान के बीच जमी बर्फ नहीं पिघली। दोनों देशों के प्रधानमंत्री जब बुधवार को काठमांडू में मंच पर पहुंचे तो हाथ मिलाना तो दूर, एक-दूसरे की ओर देखा तक नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच दुआ

By manoj yadavEdited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 08:53 PM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 02:04 AM (IST)
सार्क सम्मेलन में, नमो-नवाज में दुआ-सलाम भी नहीं

काठमांडू। दक्षेस के शिखर सम्मेलन में भी भारत और पाकिस्तान के बीच जमी बर्फ नहीं पिघली। दोनों देशों के प्रधानमंत्री जब बुधवार को काठमांडू में मंच पर पहुंचे तो हाथ मिलाना तो दूर, एक-दूसरे की ओर देखा तक नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच दुआ सलाम तक नहीं हुई।

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भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई देशों के शासनाध्यक्ष अपनी कुर्सियों पर बैठ चुके थे। कुछ ही देर में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ आए और मोदी के पीछे से गुजरते हुए अपनी कुर्सी की ओर बढ़ गए। इस दौरान मोदी सामने की तरफ देखते रहे। मोदी और शरीफ ने न तो हाथ मिलाया और न ही एक-दूसरे की तरफ देखा। तीन घंटे चले सम्मेलन के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक-दूसरे से हाल-समाचार तक नहीं पूछा।

दो कुर्सियों की दूरी

मोदी और शरीफ के बीच मंच पर सिर्फ दो कुर्सियों का फासला था। जब शरीफ अपना भाषण देने जा रहे थे उस वक्त मोदी अपनी मुट्ठियां बांधे हुए सामने की तरफ देख रहे थे। जब शरीफ भाषण देकर लौट रहे थे उस वक्त भारतीय पीएम कुछ पढऩे में तल्लीन थे। मंच पर मोदी और शरीफ के बीच मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन और नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला बैठे थे।

भारत का सार्थक बातचीत पर जोर

भारत ने फिर कहा है कि वह सार्थक बातचीत के लिए तैयार है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि हम सार्थक बातचीत के लिए तैयार हैं। हमारा पूरा जोर सार्थक शब्द पर है। कूटनीति में सार्थक बातचीत का कोई मतलब होता है। पाकिस्तान में वे लोग अच्छी तरह से समझते हैं कि सार्थक बातचीत से हमारा क्या आशय है, क्योंकि वे हमें अच्छी तरह से जानते हैं और समझते भी हैं। उन्हें सब पता है।

शरीफ को छोड़ सभी नेताओं से मिले मोदी

दक्षेस शिखर सम्मेलन के लिए नेपाल की राजधानी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवाज शरीफ को छोड़कर अन्य सभी देशों के शासनाध्यक्षों से भेंट की है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने बुधवार को बताया कि पाकिस्तान की ओर से मोदी के साथ मुलाकात का हमें कोई प्रस्ताव नहीं मिला था। इसलिए मिलने का कोई कार्यक्रम ही नहीं बनाया गया।

शिखर सम्मेलन से इतर मोदी भूटान के प्रधानमंत्री त्सेङ्क्षरग तोब्गे, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, श्रीलंका के राष्ट्रपति मङ्क्षहदा राजपक्षे और मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन से मिले। नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला से मोदी मंगलवार को ही मिल चुके थे। अशरफ गनी ने मोदी के सामने अफगानिस्तान की सुरक्षा का मामला उठाया। इस पर मोदी ने युद्धग्रस्त देश के साथ संबंध और मजबूत करने का आश्वासन दिया। मोदी ने राजपक्षे को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के अगले महीने श्रीलंका जाने की जानकारी दी।

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