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सुकना घोटाले से बेदाग निकले रमेश हल्गली

सुकना भूमि घोटाले के आरोपों से बेदाग निकले लेफ्टिनेंट जनरल रमेश हल्गली को रक्षा मंत्रालय ने सेना का डिप्टी चीफ नियुक्त किया है। रक्षा मंत्रालय और सेना की ओर से उन्हें क्लीनचिट दिए जाने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति ने उनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी।

By Edited By: Published: Mon, 13 Feb 2012 11:48 PM (IST)Updated: Mon, 13 Feb 2012 11:51 PM (IST)
सुकना घोटाले से बेदाग निकले रमेश हल्गली

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुकना भूमि घोटाले के आरोपों से बेदाग निकले लेफ्टिनेंट जनरल रमेश हल्गली को रक्षा मंत्रालय ने सेना का डिप्टी चीफ नियुक्त किया है। रक्षा मंत्रालय और सेना की ओर से उन्हें क्लीनचिट दिए जाने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति ने उनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी।

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अभी तक महानिदेशक सैन्य प्रशिक्षण की जिम्मेदारी संभाल रहे हल्गली ने सेना के डिप्टी चीफ [आइएस एंड टी] के तौर पर पदभार भी संभाल लिया है। यह पद करीब तीन माह से खाली पड़ा था। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सुकना भूमि घोटाले में नाम आने के बाद उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल दीपक कपूर द्वारा की गई विपरीत टिप्पणी को हटाने पर रक्षा मंत्रालय और सेना मुख्यालय दोनों ही राजी थे। इसके बाद हल्गली के नाम को इस महत्वपूर्ण पद के लिए आगे बढ़ाया गया।

हल्गली 2009 में सामने आए सुकना भूमि घोटाले के समय 33वीं कोर में बतौर चीफ ऑफ स्टाफ तैनात थे। अधिकारियों का कहना है कि सुकना सैन्य स्टेशन की जमीन निजी हाथों में दिए जाने का मामला सामने ही तब आया जब हल्गली ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। मामले को लेकर उनकी गोपनीय रिपोर्ट में दर्ज नकारात्मक टिप्पणी को हटाने पर दिसंबर में ही सहमति बन गई थी और इसके बाद गत 26 जनवरी को उन्हें अतिविशिष्ट सेवा पदक देने का भी एलान किया गया। गौरतलब है कि सुकना भूमि घोटाले को लेकर ही अक्टूबर, 2010 में रक्षा मंत्रालय ने 33वीं कोर के तत्कालीन कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीके रथ को डिप्टी चीफ बनाए जाने पर रोक लगा दी थी। मामले में हुई कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने पूर्व सैन्य सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अवधेश प्रकाश और लेफ्टिनेंट जनरल पीके रथ को सैन्य स्टेशन की 70 एकड़ भूमि निजी डेवलपर को देने के लिए गलत तरीके से अनापत्ति प्रमाण-पत्र देने का दोषी पाया था।

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