बुरहान वानी के नाम से गेम बनाकर कश्मीरी युवाओं को गुमराह कर रहा है पाक
छह स्तर वाली इस गेम के मुख्य किरदार की शक्ल में मारे जा चुके हिज्ब कमांडर बुरहान वानी से मिलती है।
श्रीनगर [नवीन नवाज] । पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठनों ने कश्मीरी युवाओं को गुमराह कर उन्हें आतंकवाद की तरफ प्रेरित करने के लिए बुरहान वानी के नाम पर एक वीडियो गेम तैयार कर उसे वादी में वितरित करना शुरू कर दिया है। यह वीडियो गेम युवाओं में खूब लोकप्रिय हो रहा है।
गौरतलब है कि आठ जुलाई को सुरक्षाबलों के हाथों मारा गया आतंकी बुरहान कश्मीर में नई पीढ़ी के आतंकियों का नायक बना था। उसे कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन का पोस्टर ब्वॉय भी कहा जाता था और मरने से करीब चार साल पहले तक उसने दक्षिण कश्मीर में हिज्ब का नेटवर्क तैयार करने और बड़ी संख्या में युवकों को आतंकी संगठनों में भर्ती करने में भी कामयाब रहा।
हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि यह वीडियो गेम किसने तैयार किया है। सूत्रों ने दावा किया है कि यह वीडियो गेम सरहद पार बैठे आतंकी सरगनाओं और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने ही तैयार कराया है।
गूगल एप स्टोर पर भी यह उपलब्ध नहीं है, लेकिन एक स्मार्ट मोबाइल फोन से यह दूसरे स्मार्ट मोबाइल फोन में शेयर ईट और अन्य माध्यमों से खूब शेयर व डाउनलोड हो रहा है।
छह स्तर वाली इस गेम के मुख्य किरदार की शक्ल में मारे जा चुके हिज्ब कमांडर बुरहान वानी से मिलती है। बुरहान ने अपने माथे पर जो हरा रुमाल बांधा होता था, वही इस किरदार के माथे पर भी बंधा है। गेम के प्रत्येक स्तर पर दस चक्र हैं। यह गेम प्रिंस ऑफ पर्शिया नामक वीडियो गेम की तरह और उससे प्रभावित नजर आती है। बुरहान वानी को इसमें कश्मीर की आजादी के लिए संघर्षरत बताया गया है और उसे ङ्क्षहदोस्तान के कुछ बड़े राजनीतिक नेता रोकने का प्रयास करते हैं, लेकिन वह सभी को परास्त करते हुए आगे बढ़ता है।
गेम के पाश्र्व में कश्मीर की आजादी के नारों व जिहादी गानों की गूंज भी स्पष्टï रूप से सुनी जा सकती है। जैसे-जैसे आप गेम खेलते हुए आगे बढ़ते जाते हैं, नारों की गूूंज व तराने भी जोर पकड़ते हैं। गेम भी थोड़ी मुश्किल हो जाती है।
हालांकि पुलिस ने इस गेम के बारे में कुछ भी अधिकारिक तौर पर कहने से इन्कार किया है, लेकिन पुलिस के साइबर सेल ने गेम तैयार करने वाले तत्वों और इसे कश्मीर में लांच करने वालों की छानबीन शुरू कर दी है।
मनोचिकित्सक डॉ. नदीम ने कहा कि यह वीडियो गेम या मोबाइल फोन गेम जो भी है, खतरनाक है। यह किशोर बच्चों के मन पर जबरदस्त असर कर रही है और उन्हें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आतंकी बनने के लिए तैयार करेगी और उनमें राष्ट्रविरोधी जिहादी मानसिकता पैदा करेगी।
उन्होंने कहा कि बुरहान कोई बड़ा आतंकी नहीं था, लेकिन जिस तरह से उसने वीडियो अपलोड किए, अपनी तस्वीरें सोशल साईट पर दुनियाभर में पहुंचाई, वह बहुत बड़ा बन गया। आम कश्मीरी नौजवान इससे बहुत प्रभावित हुआ और वह कहीं न कहीं उससे खुद को जोड़कर देखने लगा। उसका नतीजा आप देख रहे हैं। पूरा कश्मीर पिछले 95वें दिन से बंद है।
गौरतलब है कि आतंकी बुरहान के मारे जाने के बाद से ही कश्मीर में अलगाववादियों द्वारा लगातार भारत विरोधी प्रदर्शनों और बंद का आयोजन किया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी उसकी मौत पर कहा था कि बुरहान जिंदा रहते हुए उतना खतरनाक नहीं रहा होगा, जो अपनी मौत के बाद खतरनाक साबित होगा। उसकी मौत कइयों को आतंकी बनाएगी।
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