कश्मीर में पाक और लश्कर के झंडे लहराए गए
यहां शुक्रवार को एक बार फिर हुर्रियत समर्थकों ने पुलिस के साथ हुई हिंसक झड़पों के दौरान पाकिस्तान और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के झंडे लहराए। इस दौरान पथराव के बीच राष्ट्रविरोधी नारे भी खूब लगे। पुलिस को स्थिति पर काबू पाने के लिए लाठीजार्च व आंसूगैस का इस्तेमाल करना पड़ा।
जागरण ब्यूरो, श्रीनगर। यहां शुक्रवार को एक बार फिर हुर्रियत समर्थकों ने पुलिस के साथ हुई हिंसक झड़पों के दौरान पाकिस्तान और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के झंडे लहराए। इस दौरान पथराव के बीच राष्ट्रविरोधी नारे भी खूब लगे। पुलिस को स्थिति पर काबू पाने के लिए लाठीजार्च व आंसूगैस का इस्तेमाल करना पड़ा। देर शाम तक जारी हिंसक झड़पों में पांच लोग जख्मी हो गए।
तीन दिन में यह दूसरा मौका है जब अलगाववादियों ने कश्मीर में पाकिस्तानी ध्वज लहराए हैं। इससे पहले बुधवार को हवल इलाके में पाकिस्तानी झंडा लहराया गया था। अलबत्ता, लश्कर का झंडा इस साल पहली बार लहराया गया है।
श्रीनगर में दोपहर तक स्थिति पूरी तरह शांत रही, लेकिन एतिहासिक जामिया मस्जिद में नमाज-ए-जुमा संपन्न होने के साथ ही हालात पूरी तरह बदल गए। ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक की नजरबंदी से नाराज उनके समर्थक नारेबाजी करते हुए मस्जिद से बाहर निकले।
इनमें बड़ी तादाद युवकों की थी। देश विरोधी नारे लगाते हुए ये लोग नौहट्टा चौक पहुंच गए। जुलूस में शामिल कुछ युवकों ने लश्कर और पाकिस्तान के झंडे भी उठा रखे थे।चौक में तैनात पुलिसकर्मियों ने नारेबाजी कर रहे युवकों को जब लालचौक की तरफ जाने से रोका तो वे पथराव करने लगे।
जवाब में पुलिस ने लाठियों और आंसूगैस का इस्तेमाल किया। इसके बाद वहां पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों का दौर शुरू हो गया, जो नौहट्टा के साथ सटे इलाकों में फैल गया। पुलिस जितनी बार प्रदर्शनकारियों को खदेड़ती, वह उतनी ही बार जमा होकर पथराव करने लगते। देर शाम तक पुलिस ने किसी हद तक स्थिति पर काबू पा लिया था।
पाक झंडा लहराना अपराध नहीं : हुर्रियत
इस बीच हुर्रियत के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाइज शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन भी नजरबंद रहे, लेकिन पुलिस ने हिरासत में लिए गए उनके साथी हिलाल वार, मुख्तार वाजा, शाहिद-उल-इस्लाम व अन्य को सुबह रिहा कर दिया गया।