Move to Jagran APP

भरपूर पैसा लेने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रदर्शन पर भी अब रहेगी निगाह

मंत्रालय स्तर पर इसे लेकर एक प्रणाली विकसित करने की तैयारी चल रही है।

By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 16 Oct 2017 09:49 PM (IST)Updated: Mon, 16 Oct 2017 09:49 PM (IST)
भरपूर पैसा लेने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रदर्शन पर भी अब रहेगी निगाह
भरपूर पैसा लेने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रदर्शन पर भी अब रहेगी निगाह

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। उच्च शिक्षण संस्थानों को दिए जाने वाले पैसे का ठीक तरीके से इस्तेमाल हो रहा है या नहीं, सरकार अब इसकी भी पड़ताल करेगी। मंत्रालय स्तर पर इसे लेकर एक प्रणाली विकसित करने की तैयारी चल रही है। माना जा रहा है कि यह प्रणाली अगले एक-दो महीने में तैयार हो जाएगी। इसके तहत उन सभी संस्थानों के प्रदर्शनों (परफार्मेस) की भी गहराई से जांच होगी, जिन्हें मौजूदा समय में केंद्र से वित्तीय मदद उपलब्ध कराई जा रही है। इनमें शोध (रिसर्च) कार्यो पर सबसे ज्यादा फोकस रहेगा।

loksabha election banner

देश के बड़ी संख्या में ऐसे संस्थान है, जिन्हें प्रतिवर्ष शोध सहित दूसरी अन्य गतिविधियों को संचालित करने के लिए बड़े पैमाने पर पैसा दिया जा रहा है, लेकिन इसका परिणाम बहुत उत्साहव‌र्द्धक नहीं मिल रहा है। हाल ही में कुछ संस्थानों की आडिट में यह सामने आया है, कि वहां शोध जैसे कार्यो के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च हो रहे है, पर कोई नतीजा सामने नहीं आ रहा है। इसके बाद तो संस्थानों के काम-काज पर पैनी नजर रखने के लिए एक प्रणाली विकसित करने को सहमति बनी है। इसके तहत प्रत्येक उच्च शिक्षण संस्थानों की शैक्षणिक गतिविधियों और शोध कार्य के साथ वित्तीय स्थिति और इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस किया जाएगा। मौजूदा समय में देश में करीब 41 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 23 आईआईटी और 31 एनआईटी है। जहां पर शोध कार्यो के काफी पैसा दिया जा रहा है।

यहां मिली खामियां

आडिट के दौरान मंत्रालय को जिन संस्थानों के प्रदर्शन को लेकर निराशा हाथ लगी, उनमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और इलाहाबाद विवि जैसे संस्थान शामिल है। इन संस्थानों न तो शोध को बहुत अच्छा परिणाम दिख रहा है और न ही शोध का कोई ऐसा विषय था जो समाज और देश की मौजूदा समस्याओं को सुलझाने में मददगार की भूमिका निभाता हो।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.