यूपी में मंत्री के पिता ने दारोगा को धमकाया
आरोपियों को पकड़ने गए दारोगा को मंत्री के पिता ने धमकी दे डाली। कहा, 'हम प्रदेश में मंत्री हैं और तू एक चौकीदार। हम तुझे नौकरी करना सिखा देंगे।' दो दिन पहले बालैनी थाने से दारोगा अशोक कुमार दो सिपाहियों को लेकर मवीकलां गांव में गोवध का प्रयास करने वाले दो लोगों को पकड़ने
जागरण संवाददाता, बागपत। आरोपियों को पकड़ने गए दारोगा को मंत्री के पिता ने धमकी दे डाली। कहा, 'हम प्रदेश में मंत्री हैं और तू एक चौकीदार। हम तुझे नौकरी करना सिखा देंगे।' दो दिन पहले बालैनी थाने से दारोगा अशोक कुमार दो सिपाहियों को लेकर मवीकलां गांव में गोवध का प्रयास करने वाले दो लोगों को पकड़ने गए थे। आरोपियों ने दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री डा. कुलदीप उज्जवल के पिता धर्मपाल सिंह को फोन कर बुला लिया। दारोगा को देखकर धर्मपाल बुरी तरह बौखला गए और आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 'शर्म नहीं आई, यहां चला आया गरीबों को परेशान करने। जा ले जा ये खड़े हैं दोनों।' धर्मपाल की बात सुनकर दारोगा अवाक रह गए और गिड़गिड़ाने लगे। सोशल साइट्स पर इस पूरी घटना की क्लिपिंग वायरल हो रही है।
मंत्री के पिता यहीं नहीं रुके और धमकी देते हुए कहा, 'मुझसे पूछे बगैर गांव में आने की हिम्मत कैसे कर दी। अरे क्या है? चौकीदार ही तो है तू। हम तो प्रदेश में मंत्री हैं, आ गई तेरी बात समझ में। तुझे बता रहे हैं कि हमने सीओ और दो सिपाहियों के कपड़े उतार लिए थे और रायफल ले ली थी। तू हमारे खिलाफ तस्करा डाल दे। मेरा नाम धर्मपाल है बता रहा हूं मुझे ध्यान रखिए।
मंत्री के पिता की दारोगा को दी गई इस धमकी से आरोपी गदगद हो उठे। इस पूरे वाकये को गांव के लोगों ने भी देखा। बाद में आरोपियों ने भी दारोगा और दोनों सिपाहियों को खरीखोटी सुनाकर लौटा दिया।
इस पूरी घटना की किसी ने मोबाइल से वीडियो क्लिप बना ली और यह लोगों तक पहुंचाई जा रही है।
इन्होंने कहा..
दारोगा ने बेगुनाह लोगों को फंसाया है। वह कानून के खिलाफ मनमानी और बदतमीजी कर रहा था। जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मैंने अपनी ड्यूटी निभायी। मुझ पर धमकाने और अभद्रता के आरोप गलत हैं।
- धर्मपाल, मंत्री के पिता
मवीकला गांव में मंत्री के पिता ने मेरे साथ जो किया है,वह सबने देखा है। गांव के लोग गवाह हैं। इससे अधिक खिलवाड़ कानून के साथ कुछ नहीं हो सकता।
- अशोक कुमार, दारोगा, बालैनी थाना
मवीकला के दो लोग एक पखवाड़ा पहले गोवध का प्रयास कर रहे थे। आरोपियों से एक गाय व बछड़े को बरामद कर मुकदमा लिखा गया था। दारोगा को गांव में नहीं भेजा गया है और न ही मामला मेरे संज्ञान में है।
- वीरेंद्र सिंह, इंस्पेक्टर, बालैनी
मुझे इस तरह के मामले की जानकारी मीडिया से मिल रही है। विभाग की ओर से इस तरह की जानकारी नहीं मिली है। मैं पता कर रहा हूं। पूरा मामला क्या है।
- जेके शाही, एसपी, बागपत
पुलिस ने गरीब लोगों के खिलाफ झूठा मुकदमा कायम किया है। पुलिस उन्हें पकड़ने गई थी। जिसका गांव के लोगों ने विरोध किया था। मेरे पिता पर लगे आरोप गलत हैं। दारोगा ने ही अभद्र व्यवहार किया था।
- डा. कुलदीप उज्जवल, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री
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