कश्मीर: शहीद पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचे मंत्री, विधायक
उनके जनाजे में न मानवाधिकारों के झंडाबरदार पहुंचे और न लोगों का प्रतिनिधि होने का दावा करने वाले माननीय उनके श्रद्घांजली समारोह में शामिल हुए।
श्रीनगर,राज्य ब्यूरो । कश्मीर घाटी में शनिवार को पूरी तरह से बंदी रही। अलगाववादियों ने आतंकियों और मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों की कार्यवाई में बाधा बन रहे दो युवकों की मौत पर बंद का एलान कर रखा। राज्य विधानसभा के भीतर भी नागरिक मौतों पर खूब हंगामा हुआ, लेकिन बीते तीन दिनों में आतंकियों के हमलों में मारे गए आठ पुलिसकर्मियों की शहादत पर कोई खुलकर बोलता नजर नहीं आया। उनके जनाजे में न मानवाधिकारों के झंडाबरदार पहुंचे और न लोगों का प्रतिनिधि होने का दावा करने वाले माननीय उनके श्रद्घांजली समारोह में शामिल हुए।
गुरुवार को बोगुंड-कुलगाम में आतंकियों के हमले में मारे गए पुलिस कांस्टेबल शब्बीर के घर में अब उसके बूढ़े मां-बाप के अलावा सवा साल का बेटा और बीबी रह गई है। गुरुवार की रात को श्रीनगर के हैदरपोरा में आतंकी हमले में शहीद कांस्टेबल सज्जाद उर्फ शहजाद दिलावर सोफी के घर में उसकी छोटी मासूम बच्ची, बीबी और मां-बाप रह गए हैं। दोनों पुलिसकर्मियों को जिला पुलिस लाइन कुलगाम और जिला पुलिस लाईन में पुलिस के आलाधिकारियों ने अपने श्रद्घासुमन अर्पित किए। लेकिन इस मौके पर न ही विधायक और न ही राज्य सरकार का एक भी मंत्री उनके श्रद्घांजलि समारोह में पहुंचा।
कांस्टेबल शहजाद को शुक्रवार को नागरिक सचिवालय से चंद कदमों की दूरी पर स्थित जिला पुलिस लाईन श्रीनगर में अंतिम विदाई दी गई।
शुक्रवार की शाम को अच्छाबल के थाना प्रभारी फिरोज अहमद डार समेत छह पुलिसकर्मियों ने आतंकियों के हमले में शहादत पाई। दबंग के नाम से मशहूर और हमेशा कश्मीर में अमन बहाली की बात करने वाले फिरोज डार व उसके साथ शहीद हुए पुलिसकर्मियों को शुक्रवार की देर रात गए जिला पुलिस लाईन अनंतनाग में एक भावपूर्ण समारोह में श्रद्घांजलि अर्पित की। सभी छह शहीदों के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र और फूल मालाएं भेंट करने वाले सिर्फ पुलिस, सेना, अर्धसैनिकबलों और जिला प्रशासन के अधिकारी ही थे।
नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस, भाजपा,पीडीपी और माकपा का एक भी नेता, विधायक, एमएलसी या मंत्री किसी भी शहीद पुलिसकर्मी को श्रद्घांजलि अर्पित करने उनके घर तो दूर, संबधित जिला पुलिस लाईन तक नहीं पहुंचा। बस, किसी ने ट्वीटर के जरिए तो किसी ने राज्य सूचना विभाग के जरिए शहीद पुलिसकर्मियों पर हुए आतंकी हमले की निंदा कर, अपनी जिम्मेदारी पूरी करने की रस्म निभाई।
राज्य पुलिस के एक अधिकारी ने शहीद पुलिसकर्मियों के श्रद्घांजलि समारोह में किसी माननीय के शामिल न होने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यहां शहीदों की चिता पर मेला नहीं लगता।