मनरेगा मजदूरों के साथ सरकार का मजाक, वेतन में सिर्फ 1 रुपये का इजाफा!
देश के कुछ राज्यों असम, बिहार, झारखंड, यूपी और उत्तराखंड में मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों के दैनिक वेतन में सिर्फ 1 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
नई दिल्ली, जेएनएन। यूपीए सरकार में शुरू की गई महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) में काम करने वाले लोगों के वेतन में हुई वृद्धि के बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। केंद्र सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा मजदूरों के वेतन में मात्र 2.7 फीसद की दर से औसत वृद्धि की है। जबकि बीते साल 5.7 फीसद की बढ़ोतरी की गई थी।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के कुछ राज्यों असम, बिहार, झारखंड, यूपी और उत्तराखंड में मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों के दैनिक वेतन में सिर्फ 1 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। वहीं सूखा प्रभावित राज्यों तमिलनाडु और ओडिशा में 2 रुपये और आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सिर्फ 3 रुपये की वेतन वृद्धि हुई है।
वेतन संशोधन के बाद, झारखंड और बिहार ऐसे राज्य हैं जहां मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों को सबसे कम वेतनमान मिलेगा है। इन राज्यों में अब मजदूरों को रोजाना 168 रुपये वेतन मिलेगा। यहां पहले 167 रुपये प्रतिदिन वेतन मिलता था। जबकि हरियाणा में सबसे ज्यादा 277 रुपये प्रतिदिन वेतन मिलेगा। पहले यहां 259 रुपये वेतन दिया जाता था।
इससे पहले, ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से बनाई गई विशेषज्ञों की समिति की सिफारिश को वित्त मंत्रालय ने खारिज कर दिया था। जिसमें राज्यों में अकुशल कृषि मजदूरों को दिए गए न्यूनतम मजदूरी के बराबर उन्हें लाने के लिए मनरेगा के मजदूरी के निष्पक्ष संशोधन की मांग की।
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