ताजा हुई कारगिल युद्ध की यादें
दुश्मन की गोलियों को सीने पर झेल कर कारगिल की चोटियों को आजाद करवाने वाले सेना के जवानों की वीरता के किस्से रविवार को सोलहवें कारगिल विजय दिवस पर ताजा हो गए। कारगिल के द्रास में रविवार को सेना के उन 527 शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित किए गए।
जागरण ब्यूरो, जम्मू। दुश्मन की गोलियों को सीने पर झेल कर कारगिल की चोटियों को आजाद करवाने वाले सेना के जवानों की वीरता के किस्से रविवार को सोलहवें कारगिल विजय दिवस पर ताजा हो गए।
कारगिल के द्रास में रविवार को सेना के उन 527 शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित किए गए, जिन्होंने कारगिल पर कब्जे के दुश्मन के मंसूबों को नाकाम बनाते हुए शहादत का जाम पी लिया। सेना की उत्तरी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कारगिल के द्रास वार मेमोरियल पर कारगिल के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ उनके योगदान की सराहना की।
जब सेना के जवानों ने बिगुल पर लास्ट पोस्ट धुन बजाई तो कार्यक्रम में मौजूद कई लोगों की आंखें नम हो गईं। इस दौरान लाइट एंड साउंड के जरिए कारगिल युद्ध की यादों को ताजा किया गया।
सेना के वरिष्ठ अधिकारियों, शहीदों के परिवारजनों के साथ कारगिल के कई पदक विजेताओं ने द्रास वार मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। वहीं, शहीदों के परिवारों अपने परिजनों की वीरता के हिस्से सुनकर गौवरान्वित हुए।
कारगिल विजय दिवस पर आर्मी कमांडर ने सैनिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सेना क्षेत्र में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से सक्षम है।
द्रास वार मेमोरियल में कई शहीदों के परिजनों को भी सम्मानित किया गया। कारगिल में सेना के 527 वीरों ने वर्ष 1999 में शहादत दी थी, जबकि 1363 अधिकारी, जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे। शहीदों में 71 जम्मू-कश्मीर के थे।
रविवार को कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के समापन पर भारतीय सेना के हेलीकॉप्टरों ने वार मेमोरियल पर फूल बरसाए। बाद में सैनिक सम्मेलन का आयोजन भी किया गया जबकि देशभक्ति से ओतप्रोत रंगारंग कार्यक्रम भी आयोजित हुआ।
इस दौरान आर्मी कमांडर ने कारगिल युद्ध पर लिखी गई किताब सेल्यूट टू आर हीरोज का विमोचन करने के साथ शहीदों के परिवारजनों से भेंट कर उनका उत्साह भी बढ़ाया।
जम्मू में भी याद किए गए शहीद
जम्मू। सेना की उत्तरी कमान की चौदह, पंद्रह व सोलह कोर मुख्यालयों के साथ सैन्य डिवीजनों, ब्रिगेडों व यूनिट स्तर पर कार्यक्रम हुए। सोलह कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल जनरल आरआर निंभोरकर ने कारगिल विजय दिवस पर रविवार को कोर मुख्यालय नगरोटा के अश्वमेघ शौर्य स्थल में शहीदों को सलामी दी।
जीओसी सोलह साल पहले कारगिल युद्ध के दौरान भारी शेलिंग का सामना करते हुए घायल भी हो चुके हैं। रविवार को शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए जीओसी ने कहा कि कोर के अधिकारी व जवान किसी भी प्रकार की कुर्बानी देने के लिए हरदम तैयार रहें।
कारगिल विजय दिवस पर राज्यभर में सैन्य संस्थानों में हुए कार्यक्रमों में अधिकारियों ने कारगिल शहीदों के पद्चिन्हों पर चलते हुए देश के लिए मर मिटने का प्रण लिया।