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तीन महीने में बदल जाएंगे घाटी के हालात: महबूबा मुफ्ती

महबूबा के अनुसार प्रधानमंत्री ने माना है कि किसी न किसी स्तर पर बातचीत शुरू करनी जरूरी है।

By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 24 Apr 2017 09:42 PM (IST)Updated: Mon, 24 Apr 2017 09:56 PM (IST)
तीन महीने में बदल जाएंगे घाटी के हालात: महबूबा मुफ्ती
तीन महीने में बदल जाएंगे घाटी के हालात: महबूबा मुफ्ती

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी और छात्रों के विरोध प्रदर्शनों के बीच जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती दो-तीन महीने में हालात सुधरने का दावा किया है। लेकिन समस्या के स्थायी समाधान के लिए उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बताये रास्ते पर आगे बढ़ने की जरूरत बताई, जिसमें सभी पक्षों से बातचीत पर जोर था। परोक्ष रूप से उनका संकेत यह था कि अलगाववादियों से बातचीत करनी ही होगी। महबूबा के अनुसार हालात सामान्य होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमत हैं, लेकिन इसमें अलगाववादी हुर्रियत नेता शामिल होंगे या नहीं, यह साफ नहीं है।

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नीति आयोग की बैठक में भाग लेने दिल्ली पहुंची महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर कश्मीर के ताजा हालात और उससे निपटने के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। मुलाकात के दौरान महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर से समस्या के स्थायी हल के लिए बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने की वकालत की। उनका कहना था कि अटल बिहारी वाजपेयी के सुझाए रास्ते पर चल कर इसे हासिल किया जा सकता है। उनके अनुसार जहां पर वाजयेपी ने इसे छोड़ा था, वहीं से आगे बढ़ना होगा।

महबूबा के अनुसार प्रधानमंत्री ने माना है कि किसी न किसी स्तर पर बातचीत शुरू करनी जरूरी है। लेकिन मौजूदा हालात में यह संभव नहीं है। इसके लिए उचित माहौल बनाना होगा। लेकिन बातचीत में हुर्रियत के अलगाववादी नेताओं के शामिल होने पर स्थिति अभी साफ नहीं है।

गौरतलब है कि भाजपा और केंद्र सरकार शुरू से ही इस मत की रही है कि बातचीत अलगाववाद की छाया में नहीं हो सकती है। यहां तक कि पाकिस्तान उच्चायुक्त के साथ हुर्रियत नेताओं से मुलाकात के बाद भारत-पाक विदेश सचिवों की बैठक तक रद्द कर चुका है। वैसे महबूबा मुफ्ती शुरू से ही हुर्रियत समेत सभी पक्षों से बातचीत पर जोर देती रही है। लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने इसे तवज्जो नहीं दी है। बाद में गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ महबूबा मुफ्ती की मुलाकात के दौरान मौजूद रहे जम्मू-कश्मीर के प्रभारी और भाजपा महासचिव राम माधव ने बाद ने कहा - बातचीत का कोई भी फैसला उच्च स्तर पर ही लिया जाएगा।

गृहमंत्री के साथ मुलाकात के बाद महबूबा ने अगले तीन महीने में कश्मीर के हालात में अहम बदलाव का दावा किया। उनके अनुसार घाटी में कुछ युवा सचमुच में सरकार से खफा हो सकते हैं, लेकिन बड़ी संख्या में युवाओं को फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से बरगलाया जा रहा है। इससे रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियां कोशिश कर रही है। ऐसे लगभग 300 व्हाट्सएप ग्रुप की पहचान कर उन्हें प्रतिबंधित किया गया है।

इस बीच राजनाथ सिंह ने उच्च स्तरीय बैठक कर घाटी के हालात की समीक्षा की। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृहसचिव राजीव महर्षि और आइबी प्रमुख राजीव जैन के साथ-साथ गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में राजनाथ सिंह ने आतंकियों की घुसपैठ रोकने के लिए सीमा पर और अधिक चौकसी बरतने का निर्देश दिया। उन्होंने एजेंसियों को पाकिस्तान की धरती से युवाओं के बरगलाने के लिए चलाए जा रहे प्रोपेगेंडा को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा।

प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात के दौरान महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान से हुए सिंधु जल समझौते के कारण जम्मू-कश्मीर को रहे नुकसान का भी मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि इससे राज्य को लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का सालाना नुकसान हो रहा है और केंद्र सरकार को इसकी भरपाई का कोई उपाय करना चाहिए। महबूबा के अनुसार प्रधानमंत्री ने इसके लिए जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया। महबूबा ने कहा कि हालात पर नियंत्रण की रणनीति बनाने के लिए मंगलवार के श्रीनगर में यूनीफाइड कमांड की बैठक होगी, जिनमें अहम फैसले लिए जा सकते हैं। इस बीच राजनाथ सिंह ने उच्च स्तरीय बैठक में घाटी के ताजा हालात की समीक्षा की और इससे निपटने के लिए जरूरी निर्देश दिये।

पीडीपी सांसद बोले, भाजपा से नाता तोड़ ले महबूबा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। दिल्ली में सोमवार को जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जब राज्य के हालात अगले तीन माह में पूरी तरह सामान्य बनाने का दावा कर रही थीं, उसी समय पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग भाजपा के साथ गठजोड़ भंग करने की महबूबा को सलाह दे रहे थे। बेग ने एक न्यूज चैनल के साथ साक्षात्कार में कहा कि महबूबा को इस गठजोड़ से अलग होकर लोगों के पास जनादेश हासिल करने जाना चाहिए।

भाजपा के साथ गठबंधन का पीडीपी को सिर्फ नुकसान हुआ है। बेग ने कहा कि मौजूदा पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में अनुभव और राजनीतिक प्रतिबद्घता की कमी है। अगर महबूबा को लगता है कि यह गठबंधन प्रभावी नहीं है तो इससे चिपके रहने के बजाय अलग होना बेहतर है।

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