यूपी चुनाव में रणनीति बनाने के लिए भाजपा कोर ग्रुप की बैठक जारी
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनावी समर के लिए भाजपा रणनीतिकारों की पार्टी मुख्यालय में चर्चा चल रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी इस बैठक में उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के नाम पर फैसला ले सकती है।
नई दिल्ली (आशुतोष झा)। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनावी समर के लिए भाजपा ने कमर कसना शुरू कर दिया है। इस सिलसिले में पार्टी मुख्यालय में प्रदेश में चुनाव रणनीति पर चर्चा के लिए बैठक चल रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी इस बैठक में उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के नाम पर कोई फैसला ले सकती है। मगर सबसे अहम सवाल यह है कि पार्टी वहां मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ उतरे या नहीं। वैसे दोनों ही फार्मूलों पर चुनाव लड़कर भाजपा देख चुकी है, लेकिन अब उत्तर प्रदेश में वह प्रयोग करने के लिए कोई फैसला नहीं करना चाहती।
स्मृति इरानी को मिल सकती है प्रदेश अध्यक्ष की कमान
सूत्रों की मानें तो यह संभव है कि प्रदेश अध्यक्ष की कमान पिछड़े नेतृत्व के हाथ में दिया जाए। राजनाथ सिंह के बाद से राज्य की कमान हमेशा पिछड़़े नेतृत्व के पास ही रहा है। ऐसे में एक नाम केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी का हो सकता है जो महिला तो हैं ही, अमेठी से राहुल गांधी को अच्छी टक्कर देकर यह साबित भी कर चुकी हैं कि वह मायावती और अखिलेश यादव को टक्कर दे सकती हैं।
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यूपी में दांव पर भाजपा की प्रतिष्ठा
दिल्ली और बिहार के नतीजों के बाद इस साल होने वाले चुनावों में भी भाजपा का बहुत कुछ दांव पर नहीं है। मगर अगले साल उत्तर प्रदेश के चुनाव में उसकी राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर है। इसीलिए, एक बड़ा मत बनने लगा है कि उत्तर प्रदेश में जब सपा और बसपा का बड़ा चेहरा सामने होगा तो भाजपा को भी बड़े चेहरे के साथ उतरना चाहिए। संभव है कि केंद्र से किसी लोकप्रिय चेहरे को बतौर मुख्यमंत्री पेश किया जाए। इस पर एक राय बनने के बाद ही जातिगत समीकरण के तहत प्रदेश अध्यक्ष का नाम भी तय हो।
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सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा तो बाद में होगी अन्य विषयों पर चर्चा के लिए रविवार की सुबह महासचिवों की बैठक संभव है। शाम को राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, प्रदेश के संगठन महासचिव सुनील बंसल, राष्ट्रीय संगठन महासचिव रामलाल, सह संगठन महासचिव शिवप्रकाश समेत अन्य नेता मंथन करेंगे।