कुलभूषण केस : मात्र 1 रुपये फीस लेने वाले इस शख्स ने दी पाकिस्तान को मात
कूलभूषण जाधव केस में भारत को मिली इस जीत का श्रेय वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को दिया जा रहा है, जिन्होंने एक रुपये में ये केस लड़ा।
नई दिल्ली। हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने गुरुवार को जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अंतिम फैसला आने तक कुलभूषण जाधव को फांसी नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि जाधव मामले में सुनवाई करने का अधिकार अदालत के पास है और पाकिस्तान के दावों के विपरीत जाधव मामले में वियना संधि लागू होती है।
कूलभूषण जाधव केस में भारत को मिली इस जीत का श्रेय वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को दिया जा रहा है, जिन्होंने एक रुपये में ये केस लड़ा। इसी के साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत साबित हुई है। भारत मामले की सुनवाई तक फांसी पर रोक की मांग कर रहा था। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का फैसला आने के बाद ट्विटर पर लोगों ने भारत के वकील हरीश साल्वे की जमकर वाहवाही की।
वहीं पाकिस्तान का पक्ष रखने वाले वकील खावर कुरैशी की भी चर्चा हो रही है। पाकिस्तान में सोशल मीडिया यूजर्स से लेकर राजनेता तक खावर कुरैशी की आलोचना कर रहे हैं।
कौन हैं हरीश साल्वे
हरीश साल्वे भारत के जाने माने वकील है। हरीश साल्वे ने वर्ष 1980 में अपने लीगल करियर की शुरुआत की उसके बाद उन्होंने कभी मुड़कर पीछे नही देखा। हरीश साल्वे आज पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। हरीश साल्वे कई हाई प्रोफाइल केस लड़ चुके हैं जिसमें अंबानी से लेकर टाटा तक के केस शामिल हैं। अभी हाल में अभिनेता सलमान खान को हिट एंड रन केस में जमानत दिलवाने वाले हरीश साल्वे ही थे। वह भारत के महाधिवक्ता रह चुके हैं।हरीश साल्वे भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री एनकेपी साल्वे के बेटे हैं।
कौन हैं खावर कुरैशी
आइए आपको बताते हैं वरिष्ठ वकील खावर कुरैशी के बारे में, जो कोर्टरूम में हरीश साल्वे की दलीलों के आगे टिक नहीं पाए। खावर कुरैशी सेरले कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं। सेरले कोर्ट यानी ब्रिटेन में वकीलों के चैंबर्स का एक ग्रुप, जो कई बड़ी कंपनियों और मुल्कों का केस लड़ता है। खावर इससे पहले 2016 में भी वो भारत के खिलाफ पाकिस्तान का पक्ष रख चुके थे। ये केस हैदराबाद के 7वें निजाम उस्मान अली खान के करीब 250 करोड़ रुपये के फंड का था। इस फंड पर निजाम के वंशजों, भारत और पाकिस्तान तीनों का दावा था। भारत और निजाम के वंशजों के ख़िलाफ ये केस खावर ने लड़ पाकिस्तान को जीत दिलाई थी।
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