मोदी सरकार ने बात नहीं की तो डैम में लेंगे जलसमाधि : मेधा पाटेकर
नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटेकर ने कहा है कि नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर 30 जुलाई से अनशन पर बैठेंगे।
नई दुनिया, भोपाल। गुजरात के सरदार सरोवर डैम के विस्थापितों के सही पुनर्वास की मांग को लेकर 30 जुलाई से नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता और अन्य सामाजिक संगठन बड़वानी जिला स्थित राजघाट पर उपवास पर बैठेंगे। अगर केंद्र सरकार ने बात नहीं मानी तो सभी कार्यकर्ता यहीं जलसमाधि ले लेंगे।
यह बात गुरुवार को नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटेकर ने कही। उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि पिछली सभी सरकारों ने आंदोलनकारियों के साथ बातचीत की है, लेकिन मोदी सरकार अब तक विस्थापितों की मांग पर बातचीत के लिए राजी नहीं हुई है। इसलिए सभी कार्यकर्ता 30 जुलाई से अनशन पर बैठेंगे। बारिश से जैसे-जैसे नर्मदा का पानी बढ़ेगा, सरदार सरोवर डैम का जलस्तर बढ़ने से यह गांव डूबता जाएगा। 2013 में भी यह गांव डूब चुका है।
पढ़ें- सरदार सरोवर डूब प्रभावितों के वयस्क पुत्रों को जमीन का अधिकार
सरकार कह रही झूठ
पाटकर ने कहा कि सरदार सरोवर डैम के डूब क्षेत्र में आने वाले 244 गांवों के लगभग दो लाख लोग बिना पुनर्वास के रह रहे हैं। जबकि सरकार झूठ कह रही है कि उसने सभी डूब में आने वाले विस्थापितों का पुनर्वास कर दिया है। इसमें करीब एक हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। उन्होंने बताया कि अब तक सिर्फ 11 हजार परिवारों का ही पुनर्वास हुआ है।
मोदी सरकार ने दिए पुराने आंकड़े
मई 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस संबंध में एक पत्र लिखा गया था। उनकी ओर से जल संसाधन मंत्रालय के तहत नर्मदा कंट्रोल अथॉरिटी ने एक पत्र भेजा है, जिसमें 2001 से 2004 तक का एक्शन प्लान बताया गया है। सरकार की ओर से लिखा गया है कि 2004 में 138 मीटर की ऊंचाई के साथ डैम का काम पूरा हो जाएगा, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में डेम की ऊंचाई ब़़ढाने की अनुमति दी है।