उड़ी हमले पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त को तलब कर विदेश मंत्रालय ने दिए सबूत
भारतीय विदेश मंत्रालय ने उड़ी हमले को लेकर पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया और उसे सबूत सौंपे।
नई दिल्ली, जेएनएन। कश्मीर के उड़ी में सेना के बटालियन पर हुए आतंकी हमले को लेकर मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर से पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया। विदेश सचिव एस. जयशंकर की तरफ से अब्दुल बासित को उड़ी हमले के ऐसे सबूत दिए गए जिससे यह साफ पता चलता है कि इस हमले में सीमापार से आए हमलावरों का ही हाथ था।
पाकिस्तान उच्चायुक्त को उड़ी हमले के सबूत सौंपते हुए विदेश मंत्रालय की तरफ से यह भी बताया कि घुसपैठियों को मदद करनेवाले दो गाइड्स थे, जिन्हें स्थानीय गांव के लोगों ने पकड़ लिया है और अब वे दोनों गाइड्स हिरासत में है। भारत की तरफ से पाक उच्चायुक्त को गिरफ्त में लिए गए दो गाइडों की जानकारी सौंपी जो घुसपैठियों की की मदद करते थे।
इनमें से एक गाइड की पहचान मुजफ्फराबाद के रहने वाले गुल अकबर के 20 वर्षीय बेटे फैजान हुसैन अवान के रुप में हुई है। जबकि दूसरा गाइड मुजफ्फराबाद के खिलियान कला के रहने वाले मोहम्मद खुर्शीद का 19 वर्षीय बेटा यासीन खुर्शीद है।
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इसके साथ ही पाक से आतंकी हमलों का संचालन करने वाले मोहम्मद कबीर अवान और बशरत की भी पहचान की गई है। जिनकी जानकारी सुबूत के तौर पर पाकिस्तान को सौंपी गई है। इस दौरान भारत के विदेश सचिव ने तीखे तेवर में कहा कि पाकिस्तान की इन हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से कहा जा रहा था कि अगर भारत के पास उड़ी हमलों को लेकर कोई सुबूत हैं तो वो उन्हें पाकिस्तान को सौंपे। पाकिस्तान उस पर कार्रवाई करेगा। लेकिन जैसा कि पता है कि मुंबई और पठानकोट हमलों को लेकर पाकिस्तान को कई पुख्ता सुबूत दिए गए थे। लेकिन उस पर अभी तक कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में लगता नहीं है कि भारत द्वारा सौंपे गए सुबूतों का पाकिस्तान पर कोई फर्क पड़ेगा।
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