ड्रैगन को जवाब, ‘नाम बदलने से चीन का नहीं हो जाएगा अरुणाचल’
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के अरुणाचल दौरे से चिढ़कर चीन ने अरुणाचल प्रदेश के छह जगहों का नाम बदल दिया है।
नई दिल्ली (एएनआई)। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न हिस्सा बताते हुए कहा कि किसी भी क्षेत्र का नाम बदल देने से अवैध रूप से नहीं हथिया सकते। उन्होंने चीन को आगाह करते हुए ये बात कही।
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— ANI (@ANI_news) April 20, 2017
बता दें कि तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के अरुणाचल दौरे से चिढ़कर चीन ने अरुणाचल प्रदेश के छह जगहों का नाम बदलकर अपना हिस्सा दिखाया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार नागरिक मामलों के मंत्रालय ने 14 अप्रैल को नए नामों की घोषणा की। चीनी, तिब्बती और रोमन वर्णो में इन जगहों के नाम कैसे लिखे जाएंगे इसका मानक भी तय कर दिया गया है। इन छह जगहों का नाम वोग्यैनलिंग, मिला री, क्वाइदेनगाबरे री, मेनक्यूका, बूमो ला और नामाकापुब री रखा गया है।
अखबार ने चीनी विशेषज्ञों के हवाले से बताया है कि यह कदम 'विवादित क्षेत्र में देश की क्षेत्रीय संप्रभुता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।'
बीजिंग की मिंजू यूनिवर्सिटी ऑफ चाइना के प्रोफेसर जियोंग कुनजिन के हवाले से कहा गया है,'मानकीकरण का यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब दक्षिण तिब्बत के भूगोल को लेकर चीन की समझ और इसके प्रति मान्यता बढ़ रही है। स्थानों के नाम तय करना दक्षिणी तिब्बत में चीन की क्षेत्रीय अखंडता की पुष्टि की दिशा में उठाया गया कदम है।' तिब्बत एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के शोधार्थी गुओ केफन ने कहा,'ये नाम प्राचीन समय से अस्तित्व में हैं। लेकिन, ये पहले कभी मानकीकृत नहीं थे। आधिकारिक घोषणा एक तरह से इसका इलाज है।'
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