मायावती के भतीजों ने बनाई करोड़ों की अवैध प्रापर्टी, कौन देगा रिपोर्ट?
मेरठ आरटीओ ऑफिस में तैनात परिवहन अधिकारी दो महीने से दुविधा में हैं। परिवहन मंत्री दुर्गा प्रसाद ने यहां 12 वर्षो से तैनात दो क्लर्को पर लगे गंभीर आरोपों पर जांच कर रिपोर्ट मांगी है। दरअसल, ये दोनों क्लर्क भाई हैं और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बहन मुन्नी देवी के देवर के पुत्र बताए गए हैं। गृह जनपद मेरठ में ही 12 वर्षो से
मेरठ। मेरठ आरटीओ ऑफिस में तैनात परिवहन अधिकारी दो महीने से दुविधा में हैं। परिवहन मंत्री दुर्गा प्रसाद ने यहां 12 वर्षो से तैनात दो क्लर्को पर लगे गंभीर आरोपों पर जांच कर रिपोर्ट मांगी है। दरअसल, ये दोनों क्लर्क भाई हैं और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बहन मुन्नी देवी के देवर के पुत्र बताए गए हैं। गृह जनपद मेरठ में ही 12 वर्षो से मलाईदार सीटों पर तैनात रहकर लाखों-करोड़ों की अवैध कमाई करने का आरोप इन पर है, लेकिन इसकी जांच पूरी नहीं हो पा रही है।
परिवहन आयुक्त और उप परिवहन आयुक्त बार-बार जवाब मांग रहे हैं, लेकिन मेरठ के अधिकारी मौन साधे हैं। प्रदेश सरकार के एक मंत्री के माध्यम से परिवहन मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव को शिकायती पत्र प्राप्त कराया गया था। इसमें मेरठ में तैनात दो सगे भाई लिपिकों किशोर कुमार और सुभाष चंद पर गंभीर आरोप लगाकर इनका मेरठ से दूर तबादला कर जांच कराने की मांग की गई है।
शासन की नीति का हवाला देकर कहा गया है कि दो सगे भाई एक कार्यालय में नहीं रह सकते। दोनों अनुसूचित जाति के हैं, लेकिन दोनों की भर्ती नियमविरुद्ध सामान्य कोटे में हुई है। दोनों गृह जनपद में 12 साल से तैनात हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में दोनों ने कार्यालय में रहकर बसपा के पक्ष में प्रचार किया तथा ट्रांसपोर्टरों पर दबाव बनाया। दोनों ऑफिस की महत्वपूर्ण सीटों पर जमकर अवैध कमाई कर रहे हैं।
परिवहन मंत्री के आदेश पर परिवहन आयुक्त ने उप परिवहन आयुक्त को जांच का आदेश दिया। हालांकि स्थानीय आफिस से उप परिवहन आयुक्त को दो महीने में भी जांच रिपोर्ट नहीं भेजी गई है, जबकि इसके कई रिमाइंडर भी उप परिवहन आयुक्त द्वारा भेजे जा चुके हैं। सूत्रों की मानें तो इन क्लर्को के खिलाफ रिपोर्ट देने की हिम्मत कोई अधिकारी नहीं कर रहा है।
सीएम ने पूछा कैसे जारी हुए हजारों परमिट
पिछले कुछ वर्षो में आरटीओ ऑफिस में मनमाने तरीके से काम हुआ। यहां तक की स्कूल बस, टेंपो, ट्रक व व्यवसायिक वाहनों के कई हजार परमिट आरटीए की बिना संस्तुति के ही जारी कर दिए गए। दैनिक जागरण ने इसका खुलासा किया तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस पर जांच बैठा दी है। उनके आदेश पर राज्य परिवहन प्राधिकरण सचिव परिवहन आयुक्त ने आरटीए सचिव से जवाब मांगा है। जिससे आरटीओ ऑफिस में हड़कंप मचा है।
दैनिक जागरण ने आरटीओ ऑफिस में पिछले कुछ समय में हुए मनमाने कार्यो का खुलासा किया था। पूर्व अफसरों ने संभागीय परिवहन प्राधिकरण से बिना अनुमति और बिना संस्तुति ही व्यवसायिक वाहनों के कई हजार परमिट जारी कर दिए थे। इस गंभीर अनियमितता का मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संज्ञान लेकर परिवहन आयुक्त व प्रमुख सचिव को तलब कर लिया था।
मुख्यमंत्री के आदेश पर परिवहन आयुक्त ने राज्य परिवहन प्राधिकरण के सचिव के रूप में संभागीय परिवहन प्राधिकरण के सचिव (आरटीओ मेरठ) से जवाब तलब किया है। उन्होंने गत वर्षो में बिना अनुमति और संस्तुति जारी हुए परमिटों की सूची तलब की है तथा इसके जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। एक सप्ताह में जवाब मांगा गया है। जिससे आरटीओ ऑफिस में हड़कंप मचा है।
आरटीओ ममता शर्मा ने अपने कार्यकाल में जारी हुए परमिट की सूची परिवहन आयुक्त को तुरंत उपलब्ध करा दी जबकि पुराने परमिटों की सूची के लिए समय मांगा है। उन्होंने बताया कि किस-किस अधिकारी के स्तर से यह लापरवाही की गई उसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। समय से सूची न देने वाले कर्मियों के नाम भी परिवहन आयुक्त को भेज दिए जाएंगे।