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ईवीएम मामले को लेकर एक-दो दिन में कोर्ट जाएंगी मायावती

मायावती अब एक या दो दिन में देश के चुनाव में ईवीएम के प्रयोग के खिलाफ कोर्ट में वाद दायर करेंगी। हालांकि मायावती के आरोपों को देश के निर्वाचन आयोग ने खारिज कर दिया था।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 20 Mar 2017 02:15 PM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2017 05:00 PM (IST)
ईवीएम मामले को लेकर एक-दो दिन में कोर्ट जाएंगी मायावती
ईवीएम मामले को लेकर एक-दो दिन में कोर्ट जाएंगी मायावती
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कल शपथग्रहण समारोह का बायकॉट करने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती अब एक-दो दिन में कोर्ट की शरण लेंगी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रचंड बहुमत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मतदान में ईवीएम से धांधली का गंभीर आरोप जड़ा था। 
मायावती अब एक या दो दिन में देश के चुनाव में ईवीएम के प्रयोग के खिलाफ कोर्ट में वाद दायर करेंगी। हालांकि मायावती के आरोपों को देश के निर्वाचन आयोग ने खारिज कर दिया था। अब वह निर्वाचन आयोग के खिलाफ भी मोर्चा खोल रही हैं।
चुनाव में हार के बाद मायावती ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने ईवीएम में गड़बड़ी कर चुनाव जीता है। मायावती ने चुनाव आयोग से भी इसकी शिकायत की थी लेकिन आयोग ने स्पष्ट किया था कि ऐसी कोई गड़बड़ी ईवीएम में नहीं की गई और ना ही ऐसा कुछ संभव है, लेकिन मायावती ने लगातार ईवीएम में गड़बड़ी की बात कही।
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने उत्तर प्रदेश में नवगठित भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि उसने उत्तर प्रदेश के पिछड़े व ब्राहमण समाज के लोगों के साथ विश्वासघात किया है। प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में आदित्यनाथ योगी और उनके सहयोगियों के शपथ लेने के तुरंत बाद मायावती ने कहा कि बीजेपी ने अपने (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के एजेंडे पर चलकर खासकर उत्तर प्रदेश में ओबीसी व ब्राहमणों के साथ विश्वासघात किया है।
मायावती ने कहा कि बीजेपी ने क्षत्रिय समाज के योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बना दिया जबकि इस बार चुनाव में उन्होंने पिछडी जाति से आने वाले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को आगे कर किसी ना किसी रूप में उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का आश्वासन देकर ओबीसी वोट बटोरा था।
मायावती ने कहा कि बीजेपी ने ब्राह्मण समाज के साथ भी दगाबाजी की है। ब्राह्मण समाज नाराज ना हो तो बीजेपी ने यह बोल दिया कि मौर्य को आगे कर पिछडों वोट ले लेंगे और फिर ब्राहमण को मुख्यमंत्री बना देंगे, इस तरह इस पार्टी ने दोनों को गुमराह किया। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री के पास ज्यादा कुछ नहीं होता। 
मायावती ने कहा कि भाजपा योगी को आगे कर ध्रुवीकरण के आधार पर 2019 का लोकसभा चुनाव लडऩा चाहती है।
भाजपा को मालूम है कि जब केंद्र की बीजेपी सरकार अपने तीन साल के दौरान लोकसभा के चुनावी वायदों का एकचौथाई भी पूरा नहीं कर सकी है, तब फिर ऐसी स्थिति में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा चुनावों में किए गए वायदे कैसे पूरा करेगी। मायावती ने कहा कि उन्होंने इन्हीं कारणों से शपथ ग्रहण समारोह के बहिष्कार का फैसला किया। इससे पहले मायावती ने बीजेपी पर ईवीएम में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था।

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